लीबिया के अंदरुनि संघर्ष में ३२ की मौत, डेढ़सौ से अधिक घायल

अंदरुनि संघर्षत्रिपोली – लीबिया के नेतृत्व के मुद्दे पर शुरू हुए संघर्ष में ३२ लोग मारे गए हैं और डेढ़सौ से अधिक घायल हुए हैं। इस महीने राजधानी त्रिपोली में संघर्ष होने का यह दूसरा अवसर हैं। राजधानी त्रिपोली में हुआ यह संघर्ष यानी बड़े युद्ध की आहट होने की चेतावनी विश्लेषकों ने दी।

साल २०११ में नाटो समेत पश्चिमी देशों के गठबंधन ने लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी का तख्तापलट किया था। इसके बाद इस देश में अराजकता जैसी स्थिति बनी हैं और विभिन्न गुट सत्ता हथियाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संगठन के समर्थन पर ‘जीएनयू’ नामक गुट फिलहाल राजधानी त्रिपोली पर नियंत्रणा बनाए हैं। लेकिन, पश्चिमी देशों ने बिठाई इस सरकार को पूर्व लीबिया के विद्रोही गुटों ने तीव्र विरोध किया हैं।

अंदरुनि संघर्षलीबिया के सेनाप्रमुख जनरल खलिफा हफ्तार के नेतृत्व में लीबियन नैशनल आर्मी ने संयुक्त राष्ट्र संगठन ने मंजूरी प्रदान किए सरकार के विरोध में जोरदार संघर्ष शुरू किया हैं। इस गुट ने पूर्व लीबियचा में अपनी स्वतंत्र सरकार गठित की हैं और राजधानी त्रिपोली पर कब्ज़ा पाने के लिए जोरदार संघर्ष शुरू किया हैं। इस गुट के प्रधानमंत्री बने फाथी बाशागा के समर्थकों ने शनिवार को त्रिपोली पर हमला किया था।

अंदरुनि संघर्षकई घंटे चला यह संघर्ष शाम के बाद खत्म हुआ, ऐसा कहा जा रहा हैं। ‘जीएनयू’ गुट के समर्थन में खड़े सशस्त्र गुटों ने बाशागा के समर्थकों को राजधानी से बाहर खदेड़ने का दावा किया हैं। अमरीका एवं तुर्की ने शनिवार के संघर्ष का तीव्र शब्दों में निषेध किया। तुर्की ने ‘जीएनयू’ गुट को अपना समर्थन घोषित किया हैं और हमारें लीबियन बंधुओं के पीछे ड़टकर खड़े होने का बयान किया। ऐसें में अमरीका ने हिंसा का निषेध करते हुए तुरंत युद्धविराम करने की माँग की हैं।

लेकिन, मात्र महीने में दूसरीं बार राजधानी त्रिपोली में भड़का संघर्ष नए युद्ध के संकेत देता हैं, ऐसी चेतावनी विश्लेषक दे रहे हैं। लीबिया का हफ्तार गुट फिर से मज़बूत हो रहा हैं और यह करीबी समय में बड़े हमलें कर सकता हैं, यह दावा ‘अटलांटिक कौन्सिल’ के विश्लेषकों ने किया। हफ्तार गुट के वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले कुछ दिनों में किए विदेश यात्राओं पर भी ध्यान आकर्िषत किया जा रहा हैं।

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