सुड़ान के गृहयुद्ध में ४१३ की मौत

  • ७२ घंटों के युद्ध विराम के बावजूद हमले जारी
  • अमरीका ने सुड़ान में मरिन्स उतारने की दर्शायी तैयारी
  • दक्षिण कोरिया, जापान के विमान जिबौती पहुंचे

खार्तूम – सुड़ान में पिछले हफ्ते से जारी गृहयुद्ध में अब तक कम से कम ४१३ लोग मारे गए हैं और ३,५५१ घायल हुए हैं। सुड़ान के सेनाप्रमुख जनरल बुरहान ने घोषित किया है कि, वे लोकतांत्रिक सरकार के लिए तैयार हैं। तथा उन्होंने मानवीय सहायता के लिए ७२ घंटों का विराम भी जारी किया है। इसके बावजूद राजधानी खार्तूम समेत प्रमुख शहरों में संघर्ष जारी है और इसके चलते लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। इसी बीच सुड़ान स्थित अपने दूतावास में फंसे कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अमरीका जल्द ही अपने मरिन्स का दल भेजेगी, यह ऐलैन पेंटॅगॉन ने किया।

गृहयुद्धसुड़ान की सेना और अर्धसैनिक बल के बीच का यह संघर्ष फिलहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का मुद्दा बना हुआ है। ईंधन और सोने के बड़े भंड़ारों से समृद्ध सुड़ान में जारी इस गृहयुद्ध के पीछे विदेशी शक्तियों के होने का दावा किया जा रहा है। सुड़ान की सेना ने इसके लिए पड़ोसी अफ्रीकी देशों के प्रति आशंका जताई थी। लेकिन, सुड़ान में लोकतंत्र स्थापित करने की कोशिश करने वाले जनरल बुरहान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साज़िश रचि गई है, ऐसा दावा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं। इसकी वजह से यह संघर्ष केवल अफ्रीकी देशों तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि, इसका असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखाई दे सकता है, इस पर यह विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

दो दिन पहले शुरू हुआ युद्ध विराम तोड़ने के बाद सेनाप्रमुख जनरल बुरहान ने फिर से ७२ घंटों के नए युद्ध विराम का ऐलान किया। इस्लाम के पावन त्योहार के अवसर पर मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए यह युद्धविराम होने का ऐलान सुड़ान की सेना ने किया। फिर भी शुक्रवार की सुबह से राजधानी खार्तूम के उत्तरी हिस्से में संघर्ष शुरू होने की जानकारी गवहों ने साझा की। अर्धसैनिक बल युद्ध विराम का उल्लंघन कर रहा है, यह दावा भी किया जा रहा है। इसके बावजूद सेनाप्रमुख ने कहा है कि, हम सुड़ान में लोकतांत्रिक व्यवस्था लागु करने के लिए वचनबद्ध हैं।

पिछले हफ्ते से शुरू हुए इस संघर्ष में सुड़ान की सेना के हाथ में ८० प्रतिशत नियंत्रण होने का दावा इसी देश के पूर्व रक्षा अधिकारी कर रहे हैं। सुड़ान की सेना को रशिया का समर्थन प्राप्त है और अर्धसैनिक बल के प्रमुख जनरल दागालो पश्चिमी देशों के इशारे पर काम कर रहे हैं, यह अब तीव्र होता जा रहा है। इसकी वजह से सुड़ान का यह संघर्ष अमरीका-रशिया के बीच छुपी स्पर्धा होने की बात माध्यम कह रहे हैं। यह खबरें सामने आ रही थीं तभी अमरीका ने जिबौती में तैनात अपने मरिन्स सुड़ान में उतारने की तैयारी की है।

खार्तूम स्थित अपने दूतावास के ७० कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अमरीका मरिन्स के ज़रिये सैन्य कार्रवाई करेगी, ऐसी संभावना भी कुछ माध्यमों ने व्यक्त की है। दक्षिण कोरियाई सेना दल और विमान भी जिबौती पहुंचे हैं। ऐसे में जापान ने अपने नागरिकों की रिहाई के लिए सिर्फ यात्री विमान रवाना किए हैं। यूरोप के ब्रिटेन, जर्मनी जैसे प्रमुख देशों ने सुड़ान के मुद्दे पर हर तरह के विकल्प पर गौर करने का ऐलान किया है और फ्रान्स ने सुड़ान में फंसे अपने नागरिकों को घर से बाहर न निकलने की सूचना की है। इसकी वजह से आनेवाले दिनों में सुड़ान में रक्तपात अधिक बढने की संभावना बढ़ती जा रही है।

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