सूड़ान के गृहयुद्ध में कम से कम ५१२ की मौत

– रविवार को युद्ध विराम खत्म होगा
– अन्न, जल, बिजली और ईंधन का संकट गंभीर होगा

खार्तूम – सूड़ान के संघर्ष का दायरा बढ़ रहा हैं और अब तक इसमें ५१२ लोग मारे गए हैं। १४ दिनों से शुरू इस संघर्ष में अब तक ४,२०० लोग घायल भी हुए हैं। पिछले हफ्ते अमरीका, सौदी अरब, अफ्रीकी महासंघ और संयुक्त राष्ट्र संघ ने मध्यस्थता करके युद्ध विराम शुरू करवाया था। लेकिन, रविवार को यह युद्ध विराम खत्म होगा और इसके बाद सूड़ान में संघर्ष तीव्र होगा, ऐसी चिंता जताई जा रही हैं। साथ ही इस संघर्ष की वजह से सूड़ान में अन्न, जल, बिजली और ईंधन का संकट अधिक तीव्र होगा, यह दावा किया जा रहा हैं। इस पृष्ठभूमि पर संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने यह संघर्ष रोकने का आवाहन किया है।  

गृहयुद्धसुड़ान के सेनाप्रमुख जनरल बुरहान और अर्धसैनिक बल के प्रमुख जनरल दागालो ने पिछले हफ्ते कई बार युद्ध विराम बढ़ाया हैं। लेकिन, दोनों गुट लगातार युद्ध विराम का उल्लंघन कर रहे हैं। जनरल दागालो के सैनिक राजधानी खार्तूम पर कब्ज़ा करने के लिए टैंक और रॉकेट लौन्चर्स इस्तेमाल कर रहे हैं। इस वजह से युद्ध विराम के बावजूद राजधानी खार्तूम अस्थिरता का सामना कर रहा हैं। ऐसे में खार्तूम में फंसे विदेशी नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालना कठिन हुआ हैं।  

ऐसे में जनरल बुरहान के नेतृत्व में सेना के लड़ाकू विमान और ड्रोन्स अर्धसैनिक बलों के कई ठिकानों पर जोरदार हमले किए हैं। अर्धसैनिक बल सूड़ान को नष्ट करने की कोशिश में होने का आरोप जनरल बुरहान ने लगाया। इसी बीच सेनाप्रमुख बुरहान देशद्रोही हैं और उनका भरोसा नहीं किया जा सकता, ऐसा आरोप अर्धसैनिक बल के प्रमुख ने लगाया। ऐसे में रविवार देर रात बाद सूड़ान में युद्धविराम खत्म हो रहा है। इसके बाद फिर से दोनों गुट खुलेआम आमने-सामने आएंगे और सूड़ान में गृहयुद्ध भड़केगा, यह दावा किया जा रहा हैं।

राजधानी खार्तूम के साथ दर्फूर में भी इस गृहयुद्ध के कारण कई हताहत हुए हैं। दर्फूर में कम से कम ९६ लोगों की मौत हुई हैं और यहां मृतकों की संख्या बढ़ने का ड़र संयुक्त राष्ट्र संघ ने व्यक्त किया है। साथ ही इस संघर्ष का लाभ उठाकर सूड़ान में कम से कम आठ बंदी कारागार से भाग गए हैं। इनमें सूड़ान के पूर्व तानाशाह ओमर अल बशीर का भी समावेश होने की खबर दो दिन पहले प्रसिद्ध हुई थी। इस वजह से आनेवाले समय में इन दो गुटों का संघर्ष में अन्य गुट भी शामिल होंगे, ऐसी आशंका जताई जा रही हैं।  

सूड़ान के दोनों गुटों के इस संघर्ष का परिणाम सूड़ानी एवं विदेशी जनता को भी भुगतने पड़ रहे हैं। अबतक ७५ हज़ार सूड़ानी विस्थापित हुए हैं और उन्होंने इजिप्ट, इथियोपिया, चाड़ और दक्षिण सूड़ान जैसें पड़ोसी देशों में आश्रय लिया है। सेना और अर्धसैनिक बल यह संघर्ष बंद करे, यह आवाहन संयुक्त राष्ट्र संघ ने किया हैं। लेकिन, सूड़ान के दोनों गुट युद्ध विराम करने के लिए तैयार ना होने के दावे किए जा रहे हैं।

इसी बीच, सूड़ान के इस संघर्ष से चीन को अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहे हैं, यह दावा भी किया जा रहा है। पिछले कुछ सालों से अमरीका और पश्चिमी देशों की सूड़ान पर बनाई पकड़ कमज़ोर हो रही हैं। इसका लाभ उठाकर चीन अब सूड़ान में अपना प्रभाव बढ़ाएगा, यह दावा भी किया जा रहा हैं। वहां के ईंधन और सोने के खदानों पर चीन अपनी पकड़ बना सकता हैं, इसपर विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। 

मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.