१५ महीनों से येमन की सीमा पर हो रही सौदी की गोलिबारी में सैकड़ों शरणार्थियों की मौत – मानव अधिकार संगठन का आरोप

दुबई – पिछले १५ महीनों से येमन की सीमा पर सौदी अरब के सीमा सुरक्षा सैनिकों ने की हुई गोलिबारी में सैकड़ों शरणार्थी मारे गए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने साझा की हुई जानकारी के मुताबिक सौदी की इस कार्रवाई में हजारों के मारे जाने की आशंका भी जताई जा रही है। येमन के रास्ते घुसपैठ कर रहे इन शरणार्थियों पर सौदी के सैनिकों ने कार्रवाई करने का आरोप संयुक्त राष्ट्र संघ के मानव अधिकार संगठन ने लगाया है। अमरिकी माध्यमों ने इसे बड़ी प्रसिद्ध दी है। इससे पहले येमन पर हमला करना और पत्रकार जमाल खशोगी के हत्या के मामले में अमरीका और मानव अधिकार संगठन ने सौदी पर आरोप लगाए थे। इससे सौदी मुक्त होने के आसार दिखाई दे रहे थे, तभी शरणार्थियों पर कार्रवाई करने का यह मुद्दा सौदी को मुश्किलों से घेर सकता है।

संयुक्त राष्ट्र संघ के मानव अधिकार संगठन ने सोमवार को नई रपट जार की। ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ के सदस्य इथियोपिया में फैली अराजकता के कारण सैकड़ों शरणार्थी येमन पहुंच रहे हैं। शरणार्थियों का यह झुंड़ रोजगार पाने के लिए सौदी में घुसपैठ करने की कोशिश में होने की बात पहले भी स्पष्ट हुई थी। वर्ष २०२२ में ‘इंटरनैशनल ऑर्गनाइजेशन माइग्रेशन’ ने जारी की हुई जानकारी के अनुसार सौदी में फिलहाल ७.५ लाख इथियोपियन रह रहे हैं। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि, कम से कम ४.५ लाख इथियोपियन नागरीक सौदी में अवैध ढ़ंग से रह रहे हैं।

लेकिन, मानव अधिकार संगठन की रपट के अनुसार पिछले १५ महीनों में येमन से घुसपैठ कर रहे इन इथियोपिया के शरणार्थियों पर सौदी के सीमा सुरक्षा सैनिकों ने गोलीबारी की है। इसमें सैकड़ों शरणार्थी मारे गए हैं और हज़ारों घायल भी हुए है। इन मारे गए शरणार्थियों से भरी दफनभूमि और इसके ३५० वीडियो एवं सैटेलाईट फोटो देखने के बाद सौदी के हमले में मारे गए शरणार्थियों की संख्या हज़ारों में होने की संभावना जताई जा रही है। येमन के हौथी विद्रोही ही इन इथियोपियन नागरिकों की तस्करी के पीछे होने का दावा किया जा रहा है।

हौथी विद्रोही तस्करों की सहायता से मानवी तस्करी का धंदा चला रहे हैं। हर हफ्ते इस तस्करी से हौथी विद्रोही ५० हजार डॉलर कमा रहे थे। इस पर कम से कम ३८ इथियोपियन शरणार्थियों से चर्चा करने के बाद मानव अधिकार संगठन ने अपनी रपट में बयान किया है। सीमा पर हो रही इस तस्तरी पर सौदी ने इससे पहले भी कार्रवाई की थी। लेकिन, पिछले डेढ़ सालों में येमन की सीमा पर तस्करी की मात्रा और शरणार्थियों के खिलाफ सौदी की शुरू कार्रवाई खतरनाक मात्रा में बढ़ी हुई है, ऐसा मानव अधिकार संगठन का कहना है।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहले भी मानव अधिकारों का उल्लंघन करने के आरोप लगाए थे। येमन में हौथी विरोधी संघर्ष और पत्रकार जमाल खशोगी के हत्या के मामले में अमरीका, यूरोपिय मित्र देश और राष्ट्र संघ ने सौदी पर मानव अधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। अमरीका ने सौदी की सैन्य सहायता रद की थी। इससे अमरीका और सौदी में तनाव बना था। ऐसी स्थिति में सौदी ने चीन के साथ सैन्य एवं राजनीतिक स्तर पर सहयोग स्थापीत किया था। कुछ दिन पहले बायडेन प्रशासन ने सौदी के संबंधों को अहमियत देकर मानव अधिकारों का मुद्दा पीछे छोड़ने के संकेत दिए थे। साथ ही बायडेन प्रशासन ने सौदी से चर्चा शुरू की थी। बिल्कुल इसी दौरान मानव अधिकार संगठन की येमन की सीमा पर इथियोपिया के शरणार्थियों पर हुई कार्रवाई की सामने आयी रपट सौदी को मुश्किलों से घेर सकती है।

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