सौदी से सहयोग करना है तो इस्रायल को पैलेस्टिन मसले का हल निकालना होगा – अमरिकी विदेश मंत्रालय का संदेश

वॉशिंग्टन – इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू सौदी अरब के साथ सहयोग करने के लिए उत्सुक हैं। सौदी के साथ सहयोग स्थापित हुआ तो खाड़ी की समस्याएं खत्म होगी, ऐसा दावा इस्रायल के प्रधानमंत्री ने किया था। इसके लिए इस्रायल ने सौदी के परमाणु कार्यक्रम के लिए अनुकूल होने के संकेत भी दिए थे। लेकिन, इस्रायल यह भूमिका इस सहयोग के लिए पर्याप्त नहीं हैं, ऐसी चेतावनी अमरीका ने दी है। सौदी से सहयोग करना हैं तो इस्रायल को पैलेस्टिन के मुद्दे पर समझौता करना होगा, ऐसा संदेश अमरीका ने दिया है।

पिछले हफ्ते इस्रायल के रणनीति विभाग के प्रमुख रॉन डर्मर ने अमरीका का दौरा करके विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुविलन से मुलाकात की थी। सुलिवन के सौदी दौरे के बाद डर्मर ने अमरीका का दौरा किया था। सौदी से सहयोग स्थापित करने के लिए इस्रायल तैयार होने का बयान डर्मर ने किया था। इसके लिए सौदी की परमाणु कार्यक्रम संबंधित मांग स्वीकार करेंगे, ऐसा बयान इस्रायल ने किया था। खाड़ी क्षेत्र में सौदी के प्रभाव पर गौर करके इस्रायल ने यह भूमिका अपनाई थी।

लेकिन, ‘एक्सिओस’ नामक अमरिकी वृत्तसंस्था ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार इस्रायल की इस भूमिका से बायडेन प्रशासन संतुष्ट नहीं हैं। सौदी से सहयोग करना हैं तो इस्रायल को पैलेस्टिन के मुद्दे पर सहूलियत प्रदान करनी होगी। पैलेस्टिन मसले का यदि इस्रायल हल निकालता नहीं है तो सौदी के साथ सहयोग भी मुमकिन नहीं होगा, ऐसा अमरिकी विदेश विभाग एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने सुनाया है। इस्रायल के इस निर्णय को सिनेट में डेमोक्रैटस्‌ का भी समर्थन प्राप्त होगा, इस पर बायडेन प्रशासन ने इस्रायल का ध्यान आकर्षित किया है, ऐसा इस वृत्तसंस्था ने कहा है।

इस प्रस्ताव पर डर्मर या नेत्यान्याहू सरकार ने अभी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। क्यों कि, पैलेस्टिन के मुद्दे पर समझौता करने से या सहुलियत देने से इस्रायल में नेत्यान्याहू की सरकार को खतरा बन सकता है। प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू की सरकार के समर्थन में खड़े तीव्र राष्ट्रवादी गुट पैलेस्टिन के मुद्दे पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं, ऐसा दावा अमरिकी वृत्तसंस्था कर रही हैं। वहीं, सौदी की यह मांग स्वीकारने के लिए  बायडेन प्रशासन इस्रायल पर दबाव बना रहा हैं, ऐसा इस वृत्तसंस्था का कहना है।

अगले वर्ष अमरीका में  राष्ट्राध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने हैं। पिछले ढ़ाई सालों के दौरान अमरीका में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की लोकप्रियता काफी कम होने की बात सर्वेक्षण से सामने आ रही हैं। ऐसी स्थिति में इस्रायल-सौदी का सहयोग करवाकर और पैलेस्टिन मुद्दे को बढ़ाकर बायडेन प्रशासन राजनीतिक बढ़त बनाने की कोशिश में होने का बयान अमरिकी वृत्तसंस्था ने किया है। इसके लिए बायडेन प्रशासन इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू पर दबाव बढ़ा रहा  हैं, ऐसा दावा भी इस वृत्तसंस्था ने किया है।

इसी बीच, सौदी ने भी चीन से परमाणु सहयोग बढ़ाने की भूमिका अपना कर बायडेन प्रशासन पर अपनी मांग स्वीकारने के लिए  दबाव बढ़ाया है। चीन के सहयोग से नागरी परमाणु ऊर्जा प्रकल्प का निर्माण करने के लिए सौदी कदम बढ़ा रहा हैं। वहीं, ईरान के परमाणु प्रकल्प के मुद्दे पर उदार भूमिका अपनाने से बायडेन प्रशासन को सौदी की इस मांग के विरोध में निर्णय करने में कठिनाई हो सकती है।

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