पैसिफिक क्षेत्र में एआय, ड्रोन और डीप स्पेस राड़ार के ज़रिये अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया का ‘ऑकस’ संगठन चीन को रोकेगा

वॉशिंग्टन – पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों को रोकने के लिए ‘ऑकस’ ने नई और उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करने का निर्णय किया है। इससे संबंधित समझौते पर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने शुक्रवार को हस्ताक्षर किए। इस समझौते के अनुसार चीनी पनडुब्बियों पर नज़र रखने के लिए ‘एआय’ तकनीक एवं अंडरवॉटर ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। पिछले महीने ही चीन ने ऑस्ट्रेलिया के नेवल डाइवर्स पर सोनार पल्स से हमला करने की घटना सामने आयी थी। इस पृष्ठभूमि पर किया गया नया समझौता ध्यान आकर्षित करता है।

अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत में शुक्रवार के दिन अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री की बैठक हुई। इस दौरान, चीन की गतिविधियां रोकने के लिए व्यापक तकनीकी सहायता करने के लिए आवश्यक समझौते को मंजूरी दी गई। ‘वैश्विक स्तर की सुरक्षा संबंधित चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सक्षम होना और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि के लिए योगदान’ इस समझौते का उद्देश्य होने की बात संयुक्त निवेदन में स्पष्ट की गई है। पैसिफिक क्षेत्र में एआय, ड्रोन और डीप स्पेस राड़ार के ज़रिये अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया का ‘ऑकस’ संगठन चीन को रोकेगासमझौते में चीनी पनडुब्बीयों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए ‘एआय अल्गोरिदम्स’ और ‘अंडरवॉटर ड्रोन’ का इस्तेमाल करने का ज़िक्र है।

वर्ष २०२१ में अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने ‘ऑकस’ का ऐलान किया था। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए चीन खतरा होने का दावा करके अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया साथ मिल रहे हैं, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने कहा था। परमाणु पनडुब्बियां, मिसाइल और सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में तीनों देश भागीदारी बढ़ाएंगे, ऐसा ‘ऑकस’ के गठन के समय घोषित किया गया था। ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बियां प्रदान करके मुस्तैद करने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी, ऐसा इस बैठक में कहा गया था। ऑस्ट्रेलिया की नौसेना को आठ परमाणु पनडुब्बियां देने पर सहमति भी हुई थी।

मार्च २०२३ में ऑकस ने पनडुब्बियों से संबंधित समझौता किया था। इसमें वर्ष २०३० में ऑस्ट्रेलिया की नौसेना के बेड़े में पहली परमाणु पनडुब्बी शामिल करने का ऐलान किया गया था। आठ में से कुछ पनडुब्बियों का निर्माण ऑस्ट्रेलिया में करने का वादा भी समझौते में किया गया है। इसके बाद एआय, ड्रोन और राड़ार से संबंधितकिया गया यह समझौता ऑकस ने किया दूसरा अहम समझौता है।

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