‘रेड सी’ में बने तनाव के कारण कम से कम एक साल तक वैश्विक सप्लाई चेन बाधित रहने का खतरा – शिपिंग क्षेत्र की शीर्ष कंपनी का इशारा

टोकियो/सना -‘रेड सी’ के क्षेत्र में हौथी विद्रोही और पश्चिमी देशों के गुट में शुरू संघर्ष के कारण बड़ा तनाव निर्माण हुआ है। इस तनाव का असर वैश्विक सप्लाई चेन पर होता दिख रहा है और कम से कम छह महीने से एक साल तक सप्लाई चेन बाधित रहने का खतरा है, ऐसा इशारा शिपिंग क्षेत्र की शीर्ष कंपनी ने दिया है। ‘रेड सी’ के तनाव की वजह से विश्व की प्रमुख शिपिंग कंपनियों ने अपने मार्ग में बदलाव किए हैं और ‘सुएज नहर’ से यातायात करना बंद कर दिया है।

‘रेड सी’ में बने तनाव के कारण कम से कम एक साल तक वैश्विक सप्लाई चेन बाधित रहने का खतरा - शिपिंग क्षेत्र की शीर्ष कंपनी का इशाराइस्रायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद ईरान समर्थक हौथी विद्रोहियों ने हमास को समर्थन देकर इस्रायल की सहायता करने सामने आए देशों को लक्ष्य करने की धमकी दी थी। इसके बाद नवंबर महीने से हौथी विद्रोहियों ने रेड सी से सफर कर रहे व्यापारी जहाजों पर हमले करना शुरू किया है। इन हमलों की वजह से रेड सी में व्यापारिक यातायात को भारी नुकसान पहुंचा है और ईंधन सहित कई उत्पादों की किमते बढ़ना शुरू हुआ है।

दिसंबर महीने से सुएज नहर से यात्रा कर रहे जहाजों की संख्या ३९ प्रतिशत और सामान की यातायात में ४५ प्रतिशत गिरावट हुई है। सुएज नहर से विश्व कीकुल १२ से १५ फिसदी व्यापारिक यातायात होती है। इस वजह से इस समुद्री क्षेत्र में सामान की यातायात बाधित करना वैश्विक व्यापार पर असर कर रहा है, इसओर संयुक्त राष्ट्र संघ ने हाल ही में ध्यान आकर्षित किया था। इसके बाद अब शिपिंग क्षेत्र की शीर्ष कंपनी ‘मिस्तुई ओएसके लाईन्स’ नामक जापानी कंपनी ने भी सप्लाई चेन के लिए होनेवाला खतरा रेखांकित किया है।

‘रेड सी’ में बने तनाव के कारण कम से कम एक साल तक वैश्विक सप्लाई चेन बाधित रहने का खतरा - शिपिंग क्षेत्र की शीर्ष कंपनी का इशारारेड सी’ में हो रहे हमले और बढ़ रहा तनाव ऐतिहासिक घटना है। अगले कुछ महीने यह तनाव कायम रहने की संभावना है। बिल्कुल चरम स्तर की खराब स्थिति का विचार किया तो भी एक साल तक वैश्विक सप्लाई चेन बाधित रहने का खतरा है, ऐसा इशारा ‘मित्सुई ओएसके लाईन्स’ के प्रमुख ताकेशी हाशिमोटो ने दिया है। फिलहाल विश्व की शिपिंग कंपनियों के हाथों में ‘रेड सी’ में बने तनाव की स्थिति में काम करने के लिए पर्याप्त जहाज मौजूद हैं। लेकिन, वैश्विक स्तर पर उत्पादों की मांग बढ़ने पर जहाजों की कमी हो सकती है और इससे सप्लाई चेन बाधित हो सकती है, ऐसा इशारा हाशिमोटो ने दिया है।

समुद्री यातायात के लिए इस्तेमाल हो रहे कंटेनर जहाज और कंपनियों ने कीमते बढ़ाई हैं। कुछ ठिकानों पर ईंधन की यातायात करने के लिए आवश्यक टैंकर के लिए प्रतिदिन एक लाख डॉलर से भी अधिक भाड़ा वसुल किया जा रहा है। इससे उत्पादों की कीमत बढ़ने से दुनिया में महंगाई की नई लहर उठेगी, ऐसी चेतावनी विश्लेषक एवं माध्यम दे रहे हैं।

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