ईरान की नई पीढ़ी सत्ता परिवर्तन चाहती है – ईरान के निर्वासित प्रिन्स रझा पहलवी

वॉशिंग्टन – ईरान की चरमपंथी हुकूमत से सुधार की उम्मीद लगाना गलत है। यह हुकूमत ईरान में परिवर्तन नहीं कर सकती। उसके बजाय इस हुकूमत को ही बदल दिया तो हमारे देश का भला हो जाएगा, ऐसी भावना ईरान की नई पीढ़ी, युवाओं में बढ़ रहा हैं, ऐसा दावा ईरान के निर्वासित प्रिन्स रझा पहलवी किया है। अमेरिका के प्रसिद्ध ‘ज्युईश जर्नल’ को दिए साक्षात्कार में प्रिन्स रझा ने ईरान में बड़ा बदलाव आवश्यक होने की बात स्पष्ट की।

ईरान की नई पीढ़ी सत्ता परिवर्तन चाहती है - ईरान के निर्वासित प्रिन्स रझा पहलवीबीते वर्ष महसा अमिनी नामक कुर्द युवती की हत्या होने के बाद ईरान में खामेनी हुकूमत के विरोध में तीव्र प्रदर्शन हुए थे। ईरान के ८० से अधिक शहरों में यह प्रदर्शन शुरू थे। इन प्रदर्शनों में ईरान के हर एक क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इन प्रदर्शनों को कुचलने के लिए ईरान की हुकूमत ने बल प्रयोग किया। लेकिन, प्रदर्शनकारी हिंसक होने के बाद ईरान में तनाव बना था। लगभग दो महीने तक ईरान में तनाव की स्थिति बनी रही।

ईरान की नई पीढ़ी सत्ता परिवर्तन चाहती है - ईरान के निर्वासित प्रिन्स रझा पहलवीलेकिन, ईरान में फिर से आम चुनाव की तैयारी शुरू हुई है। ईरान के सर्वोच्च धार्मित नेचा आयातुल्ला खामेनी के नेतृत्व में देश की सुरक्षा बढ़ाई गई। अब महसा अमिनी के समर्थक फिर से सड़कों पर उतर न सके, इसके लिए जगह जगहों पर सुरक्षा यंत्रणा तैनात करने के दावे किए जा रहे हैं। इसके बावजूद ईरान में आयातुल्ला खामेनी और राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी की हुकूमत के विरोध में असंतोष होने का दावा किया जा रहा है।

वर्ष १९७९ में ईरान में ईरान में इस्लामिक क्रांति होने के बाद ४५ सालों तक अमेरिका में आश्रय पाने वाले प्रिन्स रझा पहलवी ने ईरान की स्थिति पर चिंता जताई है। ईरान की जनता को खास तौर पर नई पीढ़ी को, युवक सत्ता परिवर्तन चाहते हैं। खामेनी-रईसी की हुकूमत ही ईरान के संकट की जड़ होने का अहसास इस युवा वर्ग को हुआ है। इस वजह से ईरान का युवा वर्ग सत्ता परिवर्तन की मांग कर रहा हैं, ऐसा दावा प्रिन्स रझा ने किया है। लेकिन, इस परिवर्तन के लिए अहिंसा का विकल्प अपनाना आवश्यक है, ऐसा प्रिन्स रझा ने कहा।

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