अत्यावश्‍यक रक्षा सेवा विधेयक राज्यसभा में भी पारित

अत्यावश्‍यक रक्षा सेवानई दिल्ली – लोकसभा में मौखिक मतदान से पारित किए गए ‘अत्यावश्‍यक रक्षा सेवा विधेयक-२०२१’ को राज्यसभा की भी मंजूरी प्राप्त हुई है। इस वजह से अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक जल्द ही कानून में तब्दिल होगा। रक्षा क्षेत्र से संबंधित सामान का उत्पादन और अन्य सेवा उपक्रमों में हड़ताल और काम बंद जैसे प्रदर्शनों पर इससे रोक लगेगी। सरकार ने यह विधेयक राष्ट्रीय सुरक्षा के नज़रिये से काफी अहम होने का बयान राज्यसभा में किया है। चीन की सीमा पर बीते एक वर्ष से तनाव जारी है और ऐसे में सरकार ने यह विधेयक लाया है।

कुछ सियासी दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। राज्यसभा में भी विपक्षी सदस्यों ने यह विधेयक छाननी के लिए दुबारा स्थायी समिति के सामने रखने की माँग की थी। लेकिन, यह विधेयक किसीको प्रदर्शन करने से रोकने के लिए नहीं है। शांति के साथ प्रदर्शन करने का अधिकार यह विधेयक नहीं छीनता है, यह बात भी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान स्पष्ट की। साथ ही इस विधेयक के प्रावधान फिलहाल सिर्फ एक वर्ष के लिए ही जारी रहेंगे। इसके अलावा सरकार द्वारा जारी किए जाने के बाद ही इस विधेयक के प्रावधान लागू होंगे, इस बात पर राजनाथ सिंह ने ध्यान आकर्षित किया।

फिलहाल सबको देश की उत्तरी सीमा पर स्थिति की जानकारी है। पड़ोसी शत्रु देशों के साथ तनाव बना हुआ है और एक ही समय पर दो मोर्चों पर युद्ध होने की संभावना से इन्कार करना मुमकिन नहीं है, यह बात भी विधेयक का समर्थन करनेवाले सांसदों ने रेखांकित की। इस वजह से अत्यावश्‍यक रक्षा सेवाओं पर नियंत्रण रखना सरकार को मुमकिन होगा, ऐस अधिकारों की आवश्‍यकता है। इसी कारण यह विधेयक लाया गया हैं। रक्षा बलों को रक्षा सामान एवं गोला-बारूद की आपूर्ति किसी भी अड़ंगे के बगैर बरकरार रखने का उद्देश्‍य ही इस विधेयक के पीछे होने की बात सरकार ने राज्यसभा में स्पष्ट की।

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