१९६४ से १९९६ के दौर में चीन ने किए परमाणु परीक्षणों से लगभग दो लाख लोगों की मौत – अमरिकी पत्रिका की जानकारी

china-nuclear-tests-3वॉशिंग्टन – वर्ष १९६४ से १९९६ के दौर में झिंजियांग प्रांत में चीन ने किए परमाणु परीक्षणों से हुए विकिरण से १.९४ लाख लोग जान से गए है। इसके अलावा तकरीबन १२ लाख लोग कैन्सर और महिलाएं गर्भाशय की घातक बिमारी से पीड़ित होने की सनसनीखेज़ जानकारी सामने आयी है। बीते महीने में चीन के ‘ताईशान’ परमाणु प्रकल्प से विकिरण शुरू होने का ड़र जताया गया था। चीनी यंत्रणाओं ने यह मामला दबाने की कोशिश की थी। लेकिन, फ्रेंच कंपनी ने इससे संबंधित साझा की जानकारी के बाद चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की जानकारी छुपाने की कोशिश का विश्‍व के सामने पर्दाफाश हुआ था। इस पृष्ठभूमि पर चीन के परमाणु प्रकल्प की सुरक्षा का मसला संवेदनशील बना है।

china-nuclear-tests-2चीन ने झिंजियांग प्रांत के लोप नूर के रेतीले इलाके में १६ अक्तुबर १९६४ के दिन पहला परमाणु परीक्षण किया था। इसके बाद चीन ने वर्ष १९९६ तक लोप नूर में ही लगातार ४५ परमाणु परीक्षण किए। इनमें से २३ परीक्षण जमीन के उपरी और अन्य जमीन से नीचे किए जाने की जानकारी अमरीका की शीर्ष पत्रिका ने जारी की है। इसी दौर में चीन ने थर्मोन्यूक्लिअर परीक्षण भी किया था। दूसरे विश्‍वयुद्ध के दौरान अमरीका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर गिराए परमाणु बम की तुलना में २०० गुना अधिक क्षमता का यह परमाणु परीक्षण था।

इनमें से कुछ परीक्षण परमाणु अप्रसार संधि का उल्लंघन करनेवाले थे, यह आरोप अमरीका ने बीते वर्ष लगाया था। चीन ने यह आरोप ठुकराए थे। लेकिन, ३२ वर्ष के दौरान चीन के इन परमाणु परीक्षणों से तीव्र विकिरण होने की वजह से १.९४ लाख लोगों की मौत होने की जानकारी अमरिकी पत्रिका ने साझा की। वर्ष १९८६ में चेर्नोबिल परमाणु प्रकल्प से हुए विकिरणों से भी अधिक मात्रा में झिंजियांग में किए गए परमाणु परीक्षण से विकिरण हुआ था, यह दावा जापान के एक अभ्यासक ने किया है।

china-nuclear-tests-1इन विकिरणों की वजह से झिंजियांग प्रांत में तकरीबन १२ लोग ल्युकेमिया, कैन्सर और महिलाएँ गर्भाशय की घातक बिमारी से पीड़ित हुईं। किसी समय खारे पानी का तालाब रहा लोप नूर का हिस्सा अब सूखे क्षेत्र में तब्दील होने की ओर अमरिकी पत्रिका ने ध्यान आकर्षित किया है। इसके बाद के दौर में चीन ने अपने परमाणु परीक्षणों का केंद्र बदल दिया। साथ ही लोप नूर के विकिरण और अमरिकी पत्रिका ने लगाए आरोपों पर बयान करना भी टाल दिया है। अब भी चीन अपने परमाणु कार्यक्रम की सच्चाई छुपाने की कोशिश में होने की बात स्पष्ट हो रही है।

लगभग डेढ़ महीना पहले चीन के ग्वांगड़ाँग प्रांत के ताईशान परमाणु प्रकल्प से विकिरण होने का ड़र जताया जा रहा था। परमाणु प्रकल्प से ‘फ्युजन गैस’ का रिसाव सुरक्षा के लिए गंभीर मुद्दा साबित हो सकता है, यह इशारे भी दिए गए थे। अमरिकी माध्यमों ने यह घटनाक्रम चेर्नोबिल के हादसे की तरह होने का दावा भी किया था। लेकिन, चीन की यंत्रणाओं ने सबकुछ ठीक-ठाक होने का बयान करके इस मामले को दबाने की कोशिश की।

लेकिन, ताईशान प्रकल्प के रखरखाव का ज़िम्मा संभाल रही फ्रेंच कंपनी ने चीन की पोल खोली। यह प्रकल्प हमारे देश में होता तो इसे तुरंत बंद किया गया होता, ऐसा बयान फ्रेंच कंपनी ने किया था। अलग शब्दों में कहा जाए तो चीन इस प्रकल्प को लेकर काफी बड़ा खतरा उठा रहा है, ऐसा इशारा इस फ्रेंच कंपनी ने दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.