२०१९ में संसद में पेश किया गया ‘डाटा प्रोटेक्शन बिल’ जल्द से जल्द पारित हो – रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत

थिरुवनंतपुरम्‌ – ‘डाटा प्रोटेक्शन बिल’ यानी ‘डाटा’ सुरक्षित करने के प्रावधान वाला विधेयक २०१९ में संसद के सामने पेश किया गया था। यह विधेयक जल्द से जल्द पारित करने की आवश्‍यकता है क्योंकि, डाटा अर्थात जानकारी की चोरी अब आम बात हो गई है, ऐसा कहकर रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने डोटा थेफ्ट यानी वर्चुअल विश्‍व की जानकारी की चोरी होने के खतरे को रेखांकित किया। सायबर सुरक्षा से जुड़े केरल पुलिस ने आयोजित किए ‘सीओसीओएन’ की चौदहवीं बैठक को संबोधित करते समय जनरल रावत बोल रहे था।

‘डाटा प्रोटेक्शन बिल’सायबर सुरक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ एवं सरकार के विभिन्न विभागों के बीच अधिक समन्वय स्थापित करके ‘डिजिटल एसेट’ की सुरक्षा की कोशिश करने की बड़ी ज़रूरत है। भारत में अब तक सायबर सुरक्षा संबंधित स्वतंत्र कानून नहीं बनाया गया है। लेकिन, वर्तमान में अपनी ‘वर्चुअल स्पेस’ की सुरक्षा के लिए ऐसे कानून की, इसका ‘प्लैन’ पेश करने की आवश्‍यकता है। सरकार की अलग अलग एजन्सीज्‌ सायबर सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं को संभालती हैं। रक्षाबलों के पास ‘सायबर एक्सपर्ट’ मौजूद हैं और राज्यों के पुलिस बलों ने भी सायबर सेल सक्रिय किए हैं। इन सभी में एवं सरकार के अलग अलग मंत्रालयों के लिए काम कर रहे सायबर विभाग एवं निजी कंपनियों के इस तरह के विभाग एकसाथ कमा करके अपने ‘डिजिटल एसेट’ की रक्षा करने का समान उद्देश्‍य प्राप्त कर सकते हैं। देश में ‘डिजिटल पेमेंट’ की मात्रा बढ़ने के बाद इससे संबंधित सायबर गुनाहों की मात्रा बढ़ी है, इस ओर भी जनरल रावत ने ध्यान आकर्षित किया।

डाटा सुरक्षित करना बड़ा संवेदनशील विषय है और विश्‍व के प्रमुख देशों ने ‘डाटा प्रोटेक्शन’ को लेकर काफी सख्त कानून बनाए हैं। हमारे पास सिर्फ २०१९ में इस मुद्दे पर संसद में पेश किया गया विधेयक है, लेकिन अब तक इससे संबंधित आवश्‍यक कानून पारित नहीं हुआ है।

कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद देश में सायबर गुनाहों में ५०० प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। सायबर गुनाहगार अवसर पाकर पैसों की भारी लूट कर रहे हैं और अव्यवस्था निर्माण कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में केरल के पुलिस बल ने पहल करके सायबर क्षेत्र के गुनाहगारों के खिलाफ शुरू की हुई मुहिम काफी बड़ी अहिमयत रखती है, ऐसा कहकर जनरल रावत ने इसके लिए केरल पुलिस बल की सराहना की।

समय पर खतरे को पहचानना ही खतरे को टालने का सबसे अहम कदम होता है। इसी लिए इस खतरे को पहचानकर इस पर काम कर रहे केरल पुलिस की हम सराहना करते हैं। ‘नॉन कॉन्टैक्ट डोमेन’ यानी प्रत्यक्ष संपर्क किए बगैर लड़े जा रहे इस प्रकार के युद्ध तकनीक का संज्ञान लेकर केरल पुलिस ने इसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की है, ऐसा जनरल रावत ने कहा।

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