भारत पर प्रतिबंध लगाने का अमरीका पर ही बुरा असर पड़ेगा – अमरिकी थिंक टैंक का बायडेन प्रशासन को इशारा

वॉशिंग्टन – रशिया से ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा प्रणाली खरीदने वाले भारत पर प्रतिबंध लगाने का विचार अमरीका ने छोड़ा नहीं है, ऐसे संकेत अमरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन ने दिए थे| लेकिन, अमरीका ने भारत पर प्रतिबंध लगाए तो इसके गंभीर परिणाम अमरीका को ही भुगतने पड़ सकते हैं| दोनों देशों के बीच विकसित हो रहा सहयोग इन प्रतिबंधों की वजह से दस वर्ष पिछड़ जाएगा, यह इशारा अमरीका के ‘स्टिम्सन सेंटर’ नामक अध्ययन मंड़ल ने दिया| अमरीका के लोकप्रतिनिधी, मौजूदा तथा पूर्व सेना और राजनीतिक अधिकारी भी बायडेन प्रशासन को यही इशारे दे रहे हैं|

भारत पर प्रतिबंधइससे पहले रशिया से ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा खरीदनेवाले चीन और तुर्की पर अमरीका ने कड़े प्रतिबंध लगाए थे| ‘काऊंटिंग अमरिकाज् एडवसरिज् थ्रू सैन्क्शन्स एक्ट-सीएएटीएसए’ (कैटसा) कानून के तहत अमरीका अपने शत्रु देश से हथियार खरीदनेवाले देशों पर प्रतिबंध लगा सकती है| तो, कुछ देशों को इन प्रतिबंधों से सहुलियत देने का अधिकार भी अमरिकी प्रशासन रखता है| इसका इस्तेमाल करके अमरीका भारत पर प्रतिबंध ना लगाए, ऐसी मॉंग अमरिकी लोकप्रतिनिधियों ने की थी| फिर भी बायडेन प्रशासन भारत को प्रतिबंधों के इशारे दे रहा है| इसका अमरीका के विश्‍लेषक एवं अभ्यासकों ने संज्ञान लिया है|

अमरीका की नामांकित ‘थिंक टैंक’ स्टिम्सन सेंटर ने भारत पर प्रतिबंध लगाने के परिणाम अमरीका के लिए ही घातक साबित होंगे, यह इशारा बायडेन प्रशासन को दिया है| ‘टुवर्डस् अ मैच्युअर डिफेन्स पार्टनरशिप’ नामक रपट के ज़रिये इस अभ्यासगुट ने बायडेन प्रशासन को स्पष्टरूप से वास्तव का अहसास कराया| ‘कैटसा’ के प्रतिबंधों से भारत को पूरी तरह से सहुलियत प्रदान करें या प्रतिकात्मक साबित होंगे ऐसे मामूली प्रतिबंध लगाएं, ऐसी सिफारिश इस रपट में की गई है| यह मामूली प्रतिबंध लगाते समय भी बायडेन प्रशासन यह निर्णय करने से पहले भारत के नेतृत्व से बातचीत करे और इस पर भारत की तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं होगी, इसका ध्यान रखे, यह भी इस रपट में कहा गया है|

भारत पर प्रतिबंधचीन के साथ संघर्ष होने का खतरा बढ़ा है और ऐसे में भारत को अमरीका के सहयोग की उम्मीद है| ऐसी स्थिति में भारत पर प्रतिबंध लगाने की गलती अमरीका को नही करनी चाहिये, ऐसा यह रपट कह रही है| रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ६ दिसंबर के दिन दौरे पर भारत पहुँच रहे हैं| इसके बाद भारत और रशिया की ‘टू प्लस टू’ चर्चा होगी, ऐसा कहा जा रहा है| इससे पहले बायडेन प्रशासन को इशारा देनेवाली यह रपट अमरीका में प्रसिद्ध होना, सूचक बात साबित होती है|

चीन और तुर्की जैसे देशों ने ‘एस-४००’ खरीदने पर अमरीका ने उन देशों पर प्रतिबंध लगाए थे| लेकिन, भारत पर प्रतिबंध लगाने का विचार करते समय अमरीका हिचकिचा रही है, यह बात भारत का बढ़ता प्रभाव रेखांकित करती है, यह दावा पाकिस्तान के विश्‍लेषक कर रहे हैं| इसके साथ ही इससे अमरीका का दोगलापन साबित होता है, ऐसे आरोप चीन के सरकारी माध्यम लगा रहे हैं| लेकिन, भारत काफी पहले से रशिया से हथियार और रक्षा सामान खरीदता रहा है और यकायक इस सहयोग से भारत पीछे नहीं हट सकता| इसे ध्यान में रखकर अमरीका को भारत पर प्रतिबंध नहीं लगाने चाहिएं, ऐसी मॉंग अमरीका के वरिष्ठ सेना अधिकारी कर रहे हैं| बायडेन प्रशासन भी इस बात का अहसास रखता है और सिर्फ भारत पर दबाव ड़ालने के लिए और इससे लाभ उठाने के लिए ही बायडेन प्रशासन इन प्रतिबंधों के इशारे दे रहा है, ऐसा कुछ भारतीय विश्‍लेषकों का कहना है|

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