इथियोपियन सेना के हवाई हमले में ५६ नागरिकों की मौत

तिगरे – इथियोपिया की सेना ने शरणार्थियों के शिविर पर किए हवाई हमले में ५६ नागरिकों की मौत हुई है। तिगरे प्रांत के विद्रोही गुटों ने यह जानकारी प्रदान की। इस हमले की वजह से इथियोपिया की सेना ने अपनी कार्रवाई अभी रोकी ना होने की बात स्पष्ट हुई है। इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबि अहमद ने शुक्रवार को सलोखे का संदेश जारी किया था। इस पृष्ठभूमि पर यह हमला ध्यान आकर्षित कर रहा है।

इथियोपियन सेनातिगरे प्रांत में वायव्य ओर के देदेबित में स्थित शरणार्थियों के शिविर पर ड्रोन हमले होने का दावा तिगरे के विद्रोही गुटों ने किया। इन हमलों में ५६ शरणार्थियों की मौत हुई है और कई गंभीर रूप से घायल होने की बात कही गई है। इथियोपियन सेना ने इस घटना पर किसी भी तरह का बयान नहीं किया है। लेकिन, इस हमले की वजह से इथियोपिया में संघर्ष अभी थमा ना होने की बात स्पष्ट हुई है।

वर्ष २०२० के नवंबर में इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबि अहमद ने तिगरे प्रांत पर हमला किया था। इस कार्रवाई के लिए उन्होंने पड़ोसी इरिट्रिया की भी सहायता ली थी। कुछ महीनों के संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री अहमद ने तिगरे प्रांत पर कब्ज़ा करने का दावा किया था। लेकिन, उनका यह दावा खोखला होने की बात पिछले वर्ष फिर से छिडे संघर्ष से सामने आयी थी। तिगरे के स्थानीय विद्रोही गुट राजधानी मेकेल के साथ प्रांत के अहम शहरों पर कब्ज़ा करने में सफल हुए थे। इसके बाद राजधानी आदिसअबाबा पर कब्ज़ा करने का इशारा भी दिया गया था।

लेकिन, पिछले दो महीनों में युद्ध का पलड़ा फिर से घूम गया है और तिगरे के विद्रोही पीछे हटने के लिए मज़बूर हुए हैं। इसके लिए ड्रोन्स की सहायता से आक्रामक हमले ही प्रमुख कारण होने की बात कही जा रही है। इथियोपियन सरकार ने तुर्की से भारी मात्रा में ड्रोन्स खरीदने की बात कुछ महीने पहले सामने आयी थी।

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