अज़रबैजान जुटा रहा है आर्मेनिया पर बड़ा हमला करने की तैयारी – आर्मेनिया के प्रधानमंत्री का आरोप

येरेवन – रशिया-यूक्रैन के युद्ध का अज़रबैजान लाभ उठा रहा है, यह आरोप हाल ही के दिनों से लगाया जा रहा है| कुछ दिन पहले अज़रबैजान ने फिर से आर्मेनिया के सैनिकों पर गोलीबारी की थी| इसके बाद रशिया ने अज़रबैजान पर युद्धविराम तोड़ने का आरोप लगाया| इसके बावजूद अपने पड़ोसी देश की आक्रामक हरकतें बंद नहीं हुई हैं और अज़रबैजान अब आर्मेनिया पर बड़ा हमला करने की तैयारी में होने का आरोप आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनियान ने लगाया|

आर्मेनिया पर बड़ा हमलाअज़रबैजान नागोर्नो-काराबाख और आर्मेनिया पर हमला करके खुलेआम युद्ध छेड़ने की तैयारी में होने का आरोप प्रधानमंत्री निकोल पशिनियान ने लगाया| ‘साल १९९२ में मिन्स्क में किए गए समझौते का सम्मान करके आर्मेनिया ने अज़रबैजान के सामने पांच मुद्दों का शांति प्रस्ताव रखा था| लेकिन, अज़रबैजान ने यह प्रस्ताव कूड़ेदान में फेंककर किसी भी समझौते का पालन ना करने का इशारा दिया है’, ऐसी जानकारी आर्मेनिया के प्रधानमंत्री पशिनियान ने कैबिनेट बैठक में दी|

अज़रबैजान द्वारा शांति प्रस्ताव ठुकराना और तीस साल पहले किए गए समझौते का पालन ना करने का ऐलान करना यानी आर्मेनिया एवं नागोर्नो-काराबाख पर बड़े हमले की तैयारी होने का दावा पशिनियान ने किया| रशिया फिलहाल यूक्रैन युद्ध में व्यस्त है, यही अवसर पाकर अज़रबैजान हमला कर सकता है, यह संभावना पशिनियान ने व्यक्त की| कुछ दिन पहले रशियन माध्यमों ने भी यह आरोप लगाया था कि, अज़रबैजान यूक्रैन युद्ध का लाभ उठा रहा है|

पिछले हफ्ते अज़रबैजान की सेना ने नागोर्नो-काराबाख के फारुख नामक गांव में प्रवेश करके उस पर कब्ज़ा किया था| इसके बाद ‘काराग्लुख हाईट’ नामक सामरिक कारणों से अहम क्षेत्र पर भी नियंत्रण पाने की बात सामने आयी थी| इस क्षेत्र में रशियन शांति सैनिक तैनात होने के बावजूद अज़रबैजान ने यह आक्रामकता दिखाकर अपने इरादे स्पष्ट किए थे| अज़रबैजान के इस हमले के बाद आर्मेनिया ने रशिया से बातचीत की थी| राष्ट्राध्यक्ष पशिनियान ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन से फोन पर चर्चा की थी|

नागोर्नो-काराबाख में अज़रबैजान ने युद्धविराम तोड़ दिया| इसी बीच अज़ेरी सेना ने हमलों के लिए तुर्की ड्रोन्स का किया हुआ इस्तेमाल चिंता का मुद्दा होने की आलोचना रशियन रक्षा मंत्रालय ने की थी| लेकिन, रशिया की इस आलोचना को अज़रबैजान नज़रअंदाज करता हुआ दिख रहा है| तथा अज़रबैजान ने यूरोपिय महासंघ के साथ सहयोग स्थापित करने के लिए गतिविधियॉं बढ़ाने की खबरें सामने आ रही हैं|

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