रशिया के व्यापार का घाटा कम करने के लिए भारत तैयार

नई दिल्ली – अमरीका और अन्य पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की वजह से रशिया के उत्पादन क्षेत्र के सामने मुश्किलें खड़ी हुई हैं। ऐसी स्थिति में रशिया ने भारत के सामने तकरीबन ५०० उत्पादनों की सूचि रखी है और इसकी आपूर्ति करने की मांग करने की खबरें प्राप्त हुई थीं। इस पर बयान करते हुए भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट किया कि, भारत द्वारा भी रशिया को आपूर्ति करना मुमकीन है, ऐसे सामान की सूचि दी है। इसकी वजह से भारत और रशिया के द्विपक्षीय व्यापार में भारत का घाटा कम होगा।

व्यापार का घाटायूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमरीका और पश्चिमी देशों ने रशिया पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। इससे रशिया के उत्पादन क्षेत्र पर असर पडने लगा है और रशिया के उत्पादन के लिए ज़रूरी विभिन्न पुर्जों से लेकर अन्य ज़रूरी उत्पादनों के लिए रशिया ने भारत से सहायता की मांग की है। इसके अनुसार रशिया ने भारत के सामने तकरीबन ५०० उत्पादनों की सूचि देने का दावा कर रही खबरें प्रसिद्ध हुई हैं। भारत ने भी रशिया को आपूर्ति करना मुमकिन होगा ऐसे सामान की सूचि तैयार की है और इसके लिए भारत को रशिया अपना बाज़ार उपलब्ध कराए, यह मांग भी की है।

जर्मन विदेश मंत्री के साथ संयुक्त वार्तापरिषद को संबोधित करते हुए जयशंकर ने यह जानकारी साझा की। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत ने रशिया से बड़ी मात्रा में ईंधन खरीदना शुरू किया है। साथ ही भारत काफी पहले से रशिया से हथियार एवं रक्षा सामान खरीदता रहा है। इसकी वजह से भारत और रशिया के द्विपक्षीय व्यापार में भारत को काफी बड़ा घाटा होता है। यह घाटा खत्म करने के लिए भारत ने रशियन बाज़ार अपने उत्पादनों के लिए उपलब्ध करने का आवाहन किया है। रशिया से भारत की यह मांग मंजूर होगी, ऐसे स्पष्ट संकेत भी प्राप्त हो रहे हैं। साथ ही इस वार्तापरिषद में बोलते हुए भारतीय विदेशमंत्री ने आनेवाले दिनों में भी भारत रशिया से ईंधन खरीदता रहेगा, यह स्पष्ट किया।

भारत अपनी ज़रूरत के अनुसार ईंधन खरीद रहा है और इसका निर्णय भारतीय ईंधन कंपनियां बाज़ार की गतिविधियों को ध्यान में रखकर करती हैं, इसका अहसास भी विदेश मंत्री जयशंकर ने इस दौरान कराया। इस बीच, यूरोपिय देशों ने यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत को रशिया से ईंधन न खरीदने को कहा था। रशिया से ईंधन खरीदकर भारत यूक्रेन पर हमले करने के लिए रशिया को पैसों की आपूर्ति कर रहा है, यह आरोप यूरोपिय देशों ने लगाया था। लेकिन, भारत एक महीने में रशिया से जितना ईंधन खरीदता है, उतना ईंधन यूरोपिय देश आधे दिन में रशिया से खरीदते हैं, यह कहकर भारतीय विदेश मंत्री ने यूरोपियि देशों की आपत्ति का मुंहतोड़ जवाब दिया था।

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