ईरान ने पूर्व उप-रक्षामंत्री को दी फांसी – ब्रिटेन ने इस कार्रवाई को बताया घृणास्पद

तेहरान/लंदन – अंतरराष्ट्रीय इशारों को नजरअंदाज़ करके ईरान ने देशद्रोह के आरोप के तहत अपने ही देश के पूर्व उप-रक्षामंत्री अलीरेज़ा अकबरी को फांसी दे दी। ईरान सरकार से जुड़ी वृत्तसंस्था ने यह जानकारी सार्वजनिक की। ईरान से द्रोह करके परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीज़ादेह की हत्या के लिए ब्रिटीश गुप्तचर यंत्रणा की सहायता करने का आरोप ईरान ने अलीरेज़ा पर लगाया था। ब्रिटिश नागरिकता वाले अलीरेज़ा को फांसी पर चढाकर ईरान ने घृणास्पद कार्रवाई की है, ऐसी आलोचना ब्रिटेन ने की। इसी बीच पिछले चार महीनों से ईरान में हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शनों को रोकने में प्राप्त हुई असफलता को छुपाने के लिए अलीरेज़ा को ईरानी हुकूमत ने यह सज़ा दी, ऐसा आरोप लगाया जा रहा है।

पूर्व उप-रक्षामंत्रीप्रदर्शनकारियों को फांसी देकर ईरानी हुकूमत अपने खिलाफ प्रदर्शनों को कुचलने की कोशिश कर रही है, तथा प्रदर्शनों का समर्थन करने के लिए पूर्व राष्ट्राध्यक्ष अली अकबर रफसंजानी की बेटी को पांच साल जेल की सज़ा सुनाकर ईरानी हुकूमत ने किसी को नहीं बक्शा जाएगा, ऐसा संदेश दिया था। लेकिन, अब पूर्व उप-रक्षामंत्री अलीरेज़ा पर देशद्रोह का गंभीर आरोप लगाकर ईरान की हुकमत ने उन्हें फांसी दे दी। इसकी गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनाई पड़ी है। ब्रिटेन समेत अमरीका ने भी इसका निषेध किया है।

ब्रिटिश नागरिक को फांसी देकर घृणास्पद कार्रवाई करने वाले ईरान के खिलाफ काफी सख्त कार्रवाई करने की जरुरत है, ऐसा ब्रिटन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवर्ली ने कहा है। राजनीतिक प्रतिशोध के लिए यह कार्रवाई करके अपने सामने इन्सान की जान की कोई कीमत नहीं है, यही ईरान ने दर्शाया है, ऐसा जेम्स ने कहा। ईरान ने अलीरेज़ा को फांसी देने पर तेहरान से ब्रिटेन के राजदूत को वापस बुलाया जाएगा, ऐसी चेतावनी ब्रिटेन ने दी थी। इसकी वहज से अलीरेज़ा को फांसी देने के बाद ब्रिटेन की आगे की कार्रवाई क्या होगी, इस पर ध्यान लगा है। अमरीका ने भी अलीरेज़ा को फांसी देने का निषेध करके ईरान पर सख्त कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं।

साल १९९७ से २००५ के दौरान अलीरेज़ा ईरान के उप-रक्षामंत्री रहे। इसी दौरान उन्होंने ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा काउन्सिल के प्रमुख अली शामखानी से नज़दिकीयां बनाई थीं। अलीरेज़ा ने उप-रक्षामंत्री होने का गलत फायदा उठाकर ब्रिटिश गुप्तचर यंत्रणा ‘एमआई ६’ के लिए एजेंट यानी जासूस के तौर पर काम किया, ऐसा आरोप ईरान ने लगाया है।

साल २०१९ में ईरान ने अलीरेज़ा को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन, अपनी जानकारी छुपाने में माहिर ईरान ने अलीरेज़ा की गिरफ्तारी भी छुपा रखी थी। इसी हफ्ते में ईरान के सरकारी वृत्तसंस्थाओं ने अलीरेज़ा की गिरफ्तारी और उन पर लगाए गए आरोप और फांसी की सजा की जानकारी सार्वजनिक करके सनसनी फैलाई थी। इस खबर से ईरान संभला भी नहीं था कि, इसी बीच शनिवार को अलीरेज़ा को फांसी पर चाढाने का ऐलान किया गया। ईरान में हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं और इसी बीच पूर्व उप-रक्षामंत्री अलीरेज़ा पर की गई इस कार्रवाई को सार्वजनिक करके किसी को बक्शा नहीं जाएगा, ऐसी चेतावनी ईरान दे रहा है।

इसी बीच, ईरान की हुकूमत प्रदर्शनकारियों के खिलाफ फांसी की सज़ा को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है, यह आरोप संयुक्त राष्ट्रसंघ ने लगाया है। इसी बीच, १९७९ में ईरान में हुई इस्लामी क्रांति में शामिल रहे वरिष्ठ नेता अबोलफज़ल घादियानी ने प्रदर्शनकारियों को फांसी दे रहे ईरान के नेतृत्व पर सनसनीखेज़ आरोप लगाए हैं। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी अत्याचारी, तानाशाह और सत्ता के भूखे एवं खून के प्यासे होने का गंभीर आरोप भी उन्होंने लगाया है।

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