अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष भारत दौरे पर

नई दिल्ली: अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अशरफ गनी भारत के दौरे पर होकर, उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अफगानिस्तान विषयक नई नीति घोषित करने के बाद, इस देश की परिस्थिति शीघ्र गति से बदल रही है और अन्य देशों ने भी अफगानिस्तान पर अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए जोरदार गतिविधियां शुरू की है। इस पृष्ठभूमि पर अफगानी राष्ट्राध्यक्ष का यह भारत दौरा अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्राध्यक्ष अशरफ गनी से हैदराबाद हाउस में मुलाकात करके चर्चा की है। इस चर्चा में द्विपक्षीय संबंध तथा आतंकवाद की चुनौतियों का समावेश था, ऐसा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है। इस बारे में अधिक स्पष्ट बातें उजागर नहीं हुई है। फिर भी राष्ट्राध्यक्ष गनी इनका इस दौरे को बहुत बड़ा सामरिक महत्व होने का दावा विशेषज्ञों से किया जा रहा है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान के बारे में नई नीति घोषित करने के बाद अफगानिस्तान में गतिविधियों को बहुत बड़ी गति प्राप्त हुई है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने तालिबान का वर्चस्व बढ़ते समय अफगानिस्तान में अमरिका के लगभग ३००० अतिरिक्त सेना तैनात किए हैं।

अशरफ गनी, भारत दौरा, आतंकवाद, अफगानिस्तान, चर्चा, अमरिका, रशियाआनेवाले समय में, अफगानिस्तान में तालिबान विरोधी युद्ध तीव्र होगा ऐसे संकेत मिल रहे हैं। साथ ही अमरिका ने तालिबान के साथ चर्चा के लिए हम उत्सुक होने का संदेश देने’ का प्रयत्न कर रहे हैं। साथ ही रशिया भी अफगानिस्तान पर अपना प्रभाव बढ़ाने का प्रयत्न कर रहा है। उसके लिए रशियाने तालिबान को अपने पास रखने की तैयारी की है। कुछ दिनों पहले ओमान के मस्कट में, अमरिका, रशिया चीन एवं पाकिस्तान इन देशों की अफगानिस्तान के विषय में परिषद हुई थी।

दौरान के समय में, अफगानिस्तान के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला ने भारत को भेंट दी थी। उसके बाद १६ अक्टूबर के रोज भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल ने अफगानिस्तान का दौरा करके, अफगानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हनीफ अतमार से मुलाकात की थी। रशिया के अफगानिस्तान के राजदूत काबुलोव्ह ने हालही में भारत को भेंट दी थी।

उसके बाद अफगानी राष्ट्राध्यक्ष भारत के दौरे पर आए हैं और इस मुलाकात में को बहुत बड़ा राजकीय एवं सामरिक महत्व होने का दावा किया जा रहा है। अमरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने भी पाकिस्तान को भेंट देने से पहले अफगानिस्तान का अघोषित दौरा किया था। इसकी वजह से अफगानिस्तान में महासत्ता का नया खेल शुरू होने की चर्चा अंतर्राष्ट्रीय मध्यम सृष्टि में की जा रही है। ऐसे समय में अफगानी नेतृत्व के भारत के साथ हुए चर्चा को बहुत बड़ा महत्व प्राप्त हुआ है।

अब तक इस चर्चा का वृत्त उजागर नहीं हुआ है। फिर भी पाकिस्तान इस भारत और अफगानिस्तान के सहयोग को संदिग्ध रूप से देख रहा है। दोनों देशों में विकसित हो रहा यह सहयोग पाकिस्तान विरोधी होकर उसे अमरिका की सहायता मिलने का आरोप पाकिस्तान के विश्लेषक कर रहे हैं।

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