संघर्षविराम के बाद भी दक्षिण सुदान में गृहयुद्ध के आसार

जुबा, दि. १७ (वृत्तसंस्था)- पिछले सप्ताह दक्षिण सुदान की राजधानी में हुई हिंसा में ३०० से भी अधिक लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी| इसके बाद, पिछले छह दिनों से संघर्षविराम जारी होते हुए भी, देश में अराजकता फ़ैलती जा रही होने की बाते सामने आ रही है|

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दक्षिण सुदान के उपराष्ट्राध्यक्ष रिक मचार किसी अज्ञात जगह पर है| साथ ही, राजधानी जुबा और अन्य कुछ शहरों में अनाज सहित बाकी आवश्यक वस्तुओं की लूटमार शुरू हुई है| चीन और जर्मनी जैसे देशों ने अपने दूतावास बंद किये है और अमरीका ने दूतावास की रक्षा के लिये सेना के विशेष दल को तैनात किया है|

पाँच साल पहले सुदान से अलग होनेवाले दक्षिण सुदान में दूसरी बार गृहयुद्ध की परिस्थिति निर्माण हुई है| इससे पहले सन २०१३ के अंत में, नेतृत्व के मुद्दे को लेकर, राष्ट्राध्यक्ष सल्वा किर और उपरराष्ट्राध्यक्ष रिक मचार इनके समर्थकों के बीच दंगे हुए थे| अगस्त २०१५ में हुए शांतीसमझौते के बाद दोनो नेताओं के बीच सुलह हुई थी| लेकिन दोनो नेताओं के बीच का संघर्ष अब भी खत्म नहीं हुआ हैं, यह ७ जुलाई के दिन भड़क उठे घमासान से स्पष्ट हो रहा है|

राष्ट्राध्यक्ष किर के समर्थकों ने उपराष्ट्राध्यक्ष मचार के समर्थकों के स्थानों और निवासस्थानों पर हमले किये, ऐसा आरोप मचार के समर्थकों ने किया है| करीब पाँच दिन से चल रहे इस संघर्ष में ३०० से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं| इस संघर्ष की वजह से करीब ४० हजार नागरिक विस्थापित हुए हैं, यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र ने दी| पिछले सोमवार को कीर और मचार के बीच संघर्षविराम का समझौता हुआ था, इसके बावजूद तनाव कम नहीं हुआ है|

राजधानी जुबा और आसपास के इलाके में अब भी अनिश्‍चितता जारी है| किसी भी वक़्त हिंसा शुरू होने का डर जनता में दिखाई दे रहा है| उपराष्ट्राध्यक्ष रिक मचार अब अज्ञात जगह पर हैं, ऐसा बताया जा रहा है| पिछले सप्ताह में हुए हमले के बाद वहीं से जवाब देंगे, ऐसा सूत्रों का कहना था| इस माहौल में, राजधानी जुबा के साथ साथ, देश के अन्य कई इलाकों में अनाज और बाकी उपयुक्त वस्तुओं की चोरियाँ शुरू होने की बात सामने आयी है|

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जर्मनी और चीन इन देशों ने दक्षिण सुदान में रहनेवाला अपना दूतावास बंद कर दिया| जर्मनी ने दक्षिण सुदान से अपने २०० से भी अधिक नागरिक और कर्मचारियों को बाहर निकाल लिया है| वहीं, चीन भी, अपने दूतावास के कर्मचारियों समेत लगभग ३५० से भी अधिक नागरिकों को, दक्षिण सुदान से वापस अपने देश में ले लाया है| अमरीका ने अपने दूतावास की रक्षा के लिए ४७ सैनिकों का विशेष दल तैनात करने का फ़ैसला किया है| साथ ही, दक्षिण सुदान में १३० अतिरिक्त जवान भेजने की घोषणा भी की है| यह सैनिक अमरीका के जिबौती के हवाई अड्डे से दक्षिण सुदान में दाखिल होंगे, यह जानकारी संबंधित अधिकारी ने दी है|

इसी दौरान, दक्षिण सुदान की सरकार ने, सरकारी अधिकारियों समेत सामान्य नागरिकों की गतिविधियों पर भी पाबंदियाँ लगा दी हैं| अधिकारी और नागरिकों के देश से बाहर जाने पर रोक लगाई है। हवाई अड्डे के सूत्रों ने इस बात की पुष्टी की है| इस फ़ैसले की अमरीका ने कड़ी आलोचना की है| संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने, दक्षिण सुदान निर्णायक मोड़ पर खड़ा है, यह चेतावनी दी है|

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