रशियन सोने के आयात पर पाबंदी लगाने का ‘जी-७’ देशों ने किया ऐलान

आयात पर पाबंदीमास्को/किव – यूक्रेन के खिलाफ शुरू किए गए युद्ध की आर्थिक रीढ़ तोड़ने का कारण बताकर पश्चिमी देशों ने रशिया के खिलाफ नए प्रतिबंधों का ऐलान किया। अमरीका और ब्रिटेन के साथ जी ७ देशों ने रशियन सोने के आयात पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया। जर्मनी में ‘जी ७’ गुट की बैठक शुरू होने से पहले इन प्रतिबंधों की जानकारी प्रदान की गई। कुछ दिन पहले यूरोप के प्रमुख देश स्वित्ज़र्लैण्ड ने रशिया से तीन टन सोना आयात करने का वृत्त प्रसिद्ध हुआ था।

रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पश्चिमी देशों ने लगातार रशिया पर प्रतिबंध लगाए हैं। अब तक रशियन ईंधन, बैंकिंग, बड़े उद्योग, विमान सेवा, प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों को लक्ष्य किया गया था। इसमें अब सोने का समावेश हुआ है। रशिया सोने का प्रमुख उत्पादक देश जाना जाता है। सोने का उत्पादन कर रहीं १० में से ४ प्रमुख कंपनियाँ रशियन हैं। रशिया से हर वर्ष १५ अरब डॉलर्स से अधिक सोने का निर्यात होता है।

आयात पर पाबंदीइस वजह से रशियन सोने को लक्ष्य करना अहम बात बनती है। ‘नए प्रतिबंधों की वजह से रशियन उद्यमी और पुतिन की आर्थिक व्यवस्था को सीधे झटका लगेगा। पुतिन की हुकूमत को प्राप्त हो रही निधि को रोकना आवश्यक है। ब्रिटेन और सहयोगी देश इसी के लिए कदम बढ़ा रहे हैं’, इन शब्दों में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने रशियन सोने के आयात पर रोक लगाने की जानकारी साझा की। अमरिकी अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि की।

रशियन सोने के आयात पर पाबंदी का ऐलान होने से कुछ दिन पहले यूरोप के स्वित्ज़र्लैण्ड ने रशिया से भारी तीन टन सोना आयात करने का वृत्त प्रसिद्ध हुआ था। इस सोने की कीमत २० करोड़ डॉलर्स से अधिक है। स्विस यंत्रणाओं ने इस सोने का ब्रिटेन से आयात करने का दावा किया है। इससे पहले साल २०२० में स्वित्ज़र्लैण्ड ने रशिया से तकरीबन ७० करोड़ डॉलर्स का सोना आयात किया था। ब्रिटेन रशियन सोने का सबसे बड़ा आयातक है और साल २०२० में ब्रिटेन में तकरीबन १७ अरब डॉलर्स सोना आयात हुआ था।

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