ऑस्टेलिया दूसरे महायुद्ध के बाद सबसे धोखादाई स्थिति का सामना कर रहा है – ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन

कैनबेरा – ’दूसरे महायुद्ध के बाद ऑस्ट्रेलिया पहली बार सबसे कठिन और धोखादाई स्थिति का सामना कर रहा है। ऐसे दौर में पाश्चात्य इच्छास्वातंत्र्यवादी लोकतांत्रिक देशों ने मिलकर निरंकुशतावाद हुकूमत के खिलाफ खडा होना चाहिए, ऐसी घोषणा ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने की। इसके अलावा, चीन का धोखा रेखांकित करते हुए परमाणुओं की तैनाती के लिए नए तल निर्माण करने की घोषणा भी की है।

aus-pm-scott-morrisonपिछले वर्ष ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका ने ’ऑक्स’ नामक गुट की स्थापना की। इस गुट की स्थापना के साथ-साथ अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण के लिए सहायता करने की घोषणा की थी। तीनों देशों की संयुक्त लश्करी क्षमता बढाने के उद्देश्य से इस गुट की स्थापना किए जाने की बात घोषित की गई थी। चीन ने की थी कि, ऑक्स हमारे खिलाफ लश्करी आघाडी बनाई गई है। 

इस पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने ऑक्स देशों के परमाणु पनडुब्बियों के लिए ऑस्ट्रेलिया में तल निर्माण करने की घोषणा की। ब्रिस्बेन, न्युकैसल या पोर्ट केंबला इन स्थानों पर तल निर्माण किए जाएंगे और इसके लिए लगभग साढेसात अरब डॉलर्स खर्च होने की जानकारी प्रधानमंत्री मॉरिसन ने दी।

ऑस्ट्रेलिया के नामचीन अध्ययन मंडल ’लॉवी इन्स्टिट्युट’ द्वारा आयोजि किए गए कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री मॉरिसन ने यह बात कही। तब ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने चीन का धोखा रेखांकित किया। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया दूसरे महायुद्ध के बाद सबसे कठिन और धोखादाई स्थिति का सामना कर रहा है, ऐसा इशारा मॉरिसन ने दिया।

इसके पश्चात रशिया-युक्रैन संघर्ष के बारे में बोलते हुए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने चीन पर टीका की। युक्रैन में संघर्ष १२ दिनों से जारी है और आज भी चीन ने रशिया की कार्यवाईयों का निषेध नहीं किया है, इस ओर प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। इसके अलावा, रशिया और चीन दोनों तानाशाही वाले देश होने का कलंक ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने लगाया।

’युक्रैन में रशिया की कार्यवाईयों की ऑस्ट्रेलिया जितना संभव हो सके उतने कठोर शब्दों में गाली-गलौज कर रहा है। रशिया की कार्यवाई अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन और स्वतंत्रता पर हमला है। तानाशाही हुकूमतें किस तरह धमकियों और हिंसा की सहायता से स्थिति को बदलती हैं, यह इस बात का उत्तम उदाहरण है’. ऐसा आरोप प्रधानमंत्री मॉरिसन ने लगाया। रशिया की कार्यवाईयों ने नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को झटके लगे हैं। इसकी वजह से पिछले कई दशकों की शांति और स्थिरता धोखे में है, यह टीका ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने की।

Leave a Reply

Your email address will not be published.