चीन की वजह से इंडो-पैसिफिक की सुरक्षा खतरे में है – ऑस्ट्रेलिया के विश्‍लेषक का दावा

नई दिल्ली – ‘राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के उदय के बाद के दौर में चीन के पूर्व और पश्‍चिमी सीमा पर आक्रामकता अधिक बढ़ी है। इसकी वजह से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन और अमरीका के बीच तीव्र स्पर्धा शुरू हुई है’, ऐसा इशारा ऑस्ट्रेलिया की लोवी इन्स्टीट्यूट के संचालक मायकल फुलीलव ने दिया। एशियाई महाद्विप की आर्थिक प्रगति आश्‍वासक है, लेकिन एशिया की सुरक्षा को लेकर ऐसा दावा करना मुमकिन नहीं होगा, ऐसा कहकर फुलीलव ने चीन की आक्रामकता के कारण यह स्थिति निर्माण होने का आरोप लगाया।

इंडो-पैसिफिक की सुरक्षाभारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्मरण में आयोजित हो रही सालाना व्याख्यान श्रृंखला में बोलते समय फुलीलव ने चीन की चिंताजनक हरकतों की गंभीरता पर ध्यान आकर्षित किया। शी जिनपिंग चीन के राष्ट्राध्यक्ष होने के बाद पूर्व और पश्‍चिमी सीमा पर चीन का बर्ताव बदला और इसमें काफी बड़े आक्रामक बदलाव आए, यह बात फुलीलव ने दर्ज़ की। चीन की विदेश नीति अधिक सख्त हुई और चीन द्वारा अन्य देशों पर लगाए जा रहे प्रतिबंध भी बढ़े हैं। इसके साथ ही अपने खिलाफ हो रही आलोचना बर्दाश्‍त करने की चीन की क्षमता भी इसी दौर में कम हुई। इसका असर दिखाई देने लगे हैं और चीन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ काफी तीखी भूमिका अपना रहा है, यह भी फुलीलव ने कहा।

चीन के बर्ताव में आया यह बड़ा बदलाव ही चीन-ऑस्ट्रेलिया का तनाव चरम स्तर पर जाने का प्रमुख कारण बना है, ऐसा कहकर फुलीलव ने चीन की वजह से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अस्थिरता और अशांति फैल रही है, यह आरोप लगाया। चीन ने काफी बड़ी आर्थिक प्रगति की है, फिर भी भारत की आर्थिक प्रगति को नजरअंदाज करना संभव नहीं होगा, ऐसा कहकर एशिया के लिए भारत उतना ही अहम होने का दावा फुलीलव ने किया है। एशिया का उदय विश्‍व के लिए आश्‍वासक बात है। लेकिन, एशिया की सुरक्षा को खतरा भी उतना ही गंभीर है, ऐसा कहकर चीन की वजह से यह समस्य निर्माण होने की बात पर फुलीलव ने ध्यान आकर्षित किया।

डोनाल्ड ट्रम्प अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष थे तब उन्होंने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर अपनाई नीति इस क्षेत्र की अस्थिरता बढ़ानेवाली साबित हुई। लेकिन, चीन की इस क्षेत्र में हरकतें यहां का तनाव अधिक बढ़ानेवाली साबित हुईं। अगले दौर में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन और अमरीका की स्पर्धा तीव्र होगी, यह इशारा फुलीलव ने दिया है।

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