चीन लष्करी दबाव के आगे नहीं झुकेगा

राष्ट्रपति शी जिनपिंग की चेतावनी

china-jinpingबीजिंग, दि.१ (वृत्तसंस्था) – ‘ईस्ट और साऊथ चायना सी’ क्षेत्र में अमरीका और दोस्तराष्ट्रों की बढ़ती सैनिकी गतिविधियों पर चीन के राष्ट्रप्रमुख ने तिखी प्रतिक्रिया दी है। ‘चीन किसी के भी लष्करी दबाव के आगे नहीं झुकेगा’ इन शब्दों में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने फटकार लगाई। साथ ही, चीन अपने अधिकारों के मामले में किसी भी तरह से समझौता नहीं करेगा, ऐसा भी राष्ट्रपति जिनपिंग ने स्पष्ट किया। दुश्मन पर जीत हासिल करने के लिए चीन को आधुनिक और अनुशासित जवानों की जरूरत है, ऐसा बताकर जिनपिंग ने ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ को संघर्ष के लिए तैयार रहने का संदेश दिया।

चीन में एकाधिकार रहनेवाली ‘कम्युनिस्ट पार्टी’ की स्थापना को ९५ वर्ष पूरे हो चुके है। इसी मौके पर ‘ग्रेट हॉल ऑफ पिपल’ में आयोजित एक सभा के जरिए राष्ट्रपति जिनपिंग ने चीन की जनता को संबोधित किया। ‘दूसरे देशों के अधिकारों पर, एशिया पर हुकूमत लादने की चीन की इच्छा नहीं है। लेकिन चीन अपने वैध अधिकारों का बिलकुल भी त्याग नहीं कर सकता। इस कारण, चीन अपने अधिकारों के साथ समझौता करेगा या फिर भीषण परिणामों के डर से संप्रभूता, रक्षा और विकास से दूर हटेगा, ऐसी गलत धारणा में ना रहें’ ऐसी चेतावनी जिनपिंग ने दी। साथ ही, ‘साऊथ चायना सी’ में अमरीका द्वारा चल रहीं सैनिकी गतिविधियों की भी जिनपिंग ने कड़ी आलोचना की।

‘चीन किसी अन्य देश के सीमाक्षेत्र में अपनी शक्ती का प्रदर्शन नहीं करेगा। सेना का प्रदर्शन करने से वास्तविक सामर्थ्य का पता नहीं चलता। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि चीन अपनी सेना को निष्क्रीय रखेगा। चीन की रक्षा के लिए सेना सतर्क रहेगी’ ऐसा कहते हुए जिनपिंग ने, अमरीका की ‘साऊथ चायना सी’ में चल रहीं गश्ती पर निशाना साधा। साथ ही, ‘साऊथ चायना सी’ का विवाद यह बातचीत से निपटाया जा सकता है, ऐसा भी चीन के राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया।

वहीं, चीन की जनता को संबोधित करते हुए, सत्तारूढ ‘कम्युनिस्ट पार्टी’ पर भरोसा रखे, ऐसा आवाहन फिर एक बार जिनपिंग ने किया। चीन की जनता ‘मार्क्सवादी’ मूल्यों का स्वीकार करे, ऐसा भी जिनपिंग ने कहा।

चीन के सैनिकी आधुनिकीकरण की घोषणा भी जिनपिंग ने की। आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उचित कार्यवाही करनेवाली सेना का निर्माण करना यह प्राथमिकता है, ऐसा जिनपिंग ने स्पष्ट किया। इसके लिए वित्तीय और सैनिकी क्षेत्र का एकत्रित विकास करना है। इसी के साथ, सेना की उन्नति करते हुए युद्ध को जीतनेवाली सेना का निर्माण करना होगा, यह इरादा चीन के राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया।

इसी बीच, तैवान की सम्पूर्ण स्वतंत्रता के लिए कोशिश कर रही, राष्ट्रपति ‘त्साई ईंग-वेन’ को भी जिनपिंग ने धमकाया। तैवान चीन के नेतृत्व को स्वीकारते हुए विद्रोह से दूर रहे। अन्यथा इसके भीषण परिणाम तैवान को भुगतने पड़ सकते है, ऐसी चेतावनी जिनपिंग ने दी है।

तैवानी प्रक्षेपास्त्र गलती से चीन पर ‘फायर’

चीन के राष्ट्रपति अपनी सेना को तैवान के खिलाफ संघर्ष के लिए तैयार रहने का संदेश दे ही रहे थे कि शुक्रवार को तैवान की नौसेना ने, सैनिकी अभ्यास के दौरान प्रक्षेपित किया सुपरसॉनिक प्रक्षेपास्त्र गलती से चीन की तरफ डागा गया। इस गलती के कारण हुए विस्फोट में एक मछुवारे की मौत हुई और उसकी नौका भी नष्ट हो गई।

तैवान की नौसेना ने शुक्रवार को ‘सियूंग फेंग ३’ इस युद्धपोत भेदी प्रक्षेपास्त्र को लाँच किया। लेकिन इस प्रक्षेपास्त्र ने निर्धारित दिशा को छोडते हुए चीन की दिशा पकड ली, जिस कारण कुछ देर के लिए तनाव निर्माण हो गया था। तकनिकी खराबी के कारण प्रक्षेपास्त्र ने दिशा बदली, ऐसा तैवान की नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया।

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