चीन की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर्स का नुकसान पहुँचेगा – अमरिकी आर्थिक विशेषज्ञ का इशारा

वॉशिंग्टन – राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने पिछले कुछ महीनों से चीन में जारी की हुई ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ और रिअल इस्टेट के संकट के लंबे परिणाम चीन की अर्थव्यवस्था पर होंगे। चीन की बागड़ोर तीसरी बार संभाल रहें जिनपिंग के अगले पांच वर्ष के कार्यकाल में इस देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर्स का नुकसान पहुँचेगा। इसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक परिणाम होंगे, ऐसी चेतावनी अमरिकी आर्थिक विशेषज्ञों ने दी। अंतरराष्ट्रीय अभ्यासगुट और उद्योग क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी भी चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर इसी तरह की चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

पांच ट्रिलियन डॉलर्सशी जिनपिंग ने तीसरी बार राष्ट्राध्यक्ष पद की बागड़ोर संभालने के बाद संकटों से घिरे देश के रिअल इस्टेट क्षेत्र में फिर से जान फूंकने के लिए आर्थिक प्रावधान का ऐलान किया। कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण में होनेवाले चीन और हाँगकाँग के माध्यमों ने राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के इस निर्णय का स्वागत किया। इससे चीन की अर्थव्यवस्था की कमज़ोरी दूर होगी और हर वर्ष घोषित हो रहा आर्थिक विकास दर प्राप्त करने मे चीन सफल होगा, यह दावा चीनी माध्यमों ने किया था। लेकिन, इससे चीन की अर्थव्यवस्था की गिराटव बंद नही होगी, इसपर अंतरराष्ट्रीय आर्थिक विशेषज्ञ और बड़ी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

दस साल पहले जिनपिंग ने सत्ता की बागड़ोर संभाली थी। उस समय चीन के लिए अनुरूप माहौल बना था। चीन की अर्थव्यवस्था सालाना सात प्रतिशत गति से विकास कर रही थी। लेकिन, हाल के कुछ सालों में काफी कुछ बदलने की ओर अमरीका के ‘अटलांटिक काउंसिल’ नामक अभ्यासगुट के जिओ इकॉनॉमिक्स सेंटर के संचालक निल्स ग्रैहम ने ध्यान आकर्षित किया। जिनपिंग के अगले पांच साल के कार्यकाल के दौरान चीन का विकास दर निर्धारित लक्ष्य भी प्राप्त नहीं कर सकेगा, साल १९८९ के बाद चीन को लेकर पहली बार यह होगा। इस देश की अर्थव्यवस्था की जोरदार गिरावट होगी, ऐसी चेतावनी ग्रैहम ने दी।

पांच ट्रिलियन डॉलर्ससख्त ज़ीरो कोविड पॉलिसी की वजह से अपने देश का विकास दर कम हुआ, ऐसा दावा चीन ने अधिकृत स्तर पर किया है। लेकिन, चीन की अर्थव्यवस्था पर मंड़रा रहे इस संकट के लिए अन्य कई कारण भी ज़िम्मेदार होने का बयान ग्रैहम ने किया। एवरग्रैण्ड जैसें रिअल इस्टेट संकट, बेरोज़गारी की बढ़ती मात्रा भी इस देश की तिज़ोरी पर भार बढ़ा रहा है। कोरोना संकट के बाद चीन की अर्थव्यवस्था काफी कमज़ोर हुई है, ऐसा बिल्कुल नहीं। कोरोना कोहोराम मचाने से पहले ही ‘ज़ीरो कोविज पॉलिसी’ लागू करने से पहले ही चीन का विकास दर कम हुआ था, इसकी याद ग्रैहम ने ताज़ा की।

इसके साथ ही महासत्ता बनकर चीन प्रगति कर रहा हो, फिर भी डिजिटल कॉमर्स जैसें अहम क्षेत्र में चीन का विकास दर कम हुआ है, यह दावा ग्रैहम ने किया। अन्य देशों की अर्थव्यवस्था डिजिटल कॉर्म्स में तेज़ प्रगति कर रहा हैं और तभी जिनपिंग की हुकूमत ने पिछले आठ सालों में इस क्षेत्र पर काफी मर्यादाएं लगाई थी। इस वजह से डिजिटल कॉमर्स में चीन की रैंकिंग की भी फिसलन होने की बात ग्रैहम ने कही। साथ ही पिछले कुछ सालों में चीन ने विदेशी निवेशकों का विश्वास खोया है, इसका अहसास अमरिकी आर्थिक विशेषज्ञों ने कराया।

ऐसें में सख्त ज़ीरो कोविड पॉलिसी लागू करके चीन ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपना स्थान कमज़ोर किया है, ऐसा दावा ‘एमिराटस्‌‍ शिपिंग’ नामक अंतरराष्ट्रीय कंपनि के सीईओ ने किया।

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