कश्मीर मसले पर उकसा रहे चीन के विदेशमंत्री को भारत की समझ

नई दिल्ली – सीमा पर शांति और सलोखा स्थापित हुए बिना भारत-चीन संबंधों में सुधार नहीं होगा, इसका अहसास विदेशमंत्री जयशंकर ने चीन के विदेशमंत्री को फिर से कराया| भारत दौरे पर आए हुए चीन के विदेशमंत्री वैंग ई ने विदेशमंत्री जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल से चर्चा की| लेकिन, भारत आने से पहले पाकिस्तान में ‘ओआईसी’ की बैठक में कश्मीर मुद्दे पर भारत को उकसानेवाले बयान करनेवाले चीन के विदेशमंत्री को भारत उचित ‘समझ’ देता हुआ दिखाई दे रहा है|

चीन के विदेशमंत्रीशुक्रवार की सुबह दस बजे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोवल से चीन के विदेशमंत्री ने मुलाकात की| भारत के साथ सहयोग स्थापित करने के लिए ‘एलएसी’ पर तनाव कम करना बहुत जरुरी है| लद्दाख के एलएसी पर फिलहाल निर्माण हुआ तनाव दोनों देशों के संबंधों के लिए सहायक बात नहीं है| इसकी वजह से चीन पहले लद्दाख के एलएसी से अपनी सेना हटाए| इसके बाद राजनीतिक प्रक्रिया शुरू होगी, ऐसी डोवल ने विदेशमंत्री वैंग ई को हिदायत दी| तथा, डोवल ने इस चर्चा को एलएसी के तनाव पर केंद्रीत रखने की जानकारी मिली है|

तत्पश्चात विदेशमंत्री जयशंकर और विदेशमंत्री वैंग ई के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई| इस चर्चा की जानकारी साझा करते हुए जयशंकर ने भी ‘एलएसी’ का तनाव कम हुए बिना भारत और चीन के संबंधों में सुधार नहीं होगा, यह स्पष्ट किया| यदि, चीन भारत के संबंधों में सुधार करने पर गंभीर हो तो एलएसी पर तनाव कम करना ही होगा, इन शब्दों में वैंग ई को इशारा दिया गया| फिलहाल लद्दाख के एलएसी पर तनाव कम करने की प्रक्रिया जारी है| लेकिन, यह काम उम्मीद के अनुसार रफ्तार से नहीं बल्कि धीमी गति से जारी है, ऐसा कहकर जयशंकर ने भारत की इससे संबंधित भूमिका स्पष्ट की| दोनों देश एक-दूसरे से किए समझौतों का सम्मान करें, निर्धारित संकेतों का पालन करें, यह भारत की उम्मीद है, ऐसा बयान विदेशमंत्री जयशंकर ने किया|

इसी बीच, भारत आने से पहले पाकिस्तान में आयोजित ‘ओआईसी’ की बैठक में चीन के विदेशमंत्री ने कश्मीर मुद्दे पर भारत को उकसानेवाले बयान किए थे| जम्मू-कश्मीर में भारत मानव अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है और इस पर चीन को भी चिंता होने का दावा वैंग ई ने किया था| इस पर भारत के विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया था| कश्मीर मसले से चीन का संबंध ना होने की फटकार विदेश मंत्रालय ने लगाई थी| ऐसे में कश्मीर मुद्दे पर चीन की भूमिका स्वतंत्र होगी, चीन इस मुद्दे पर अन्य देश के कहेनुसार भूमिका नहीं अपनाएगा, यह भारत की उम्मीद होने का बयान विदेशमंत्री जयशंकर ने किया है| इस विषय पर हमारी चीन के विदेशमंत्री से चर्चा हुई है और भारत की भूमिका इस दौरान उनके सामने रखने की जानकारी जयशंकर ने साझा की|

कश्मीर को लेकर वैंग ई के बयानों का असर उनकी भारत यात्रा पर दिखाई दिया| उनके इस दौरे को अधिक अहमियत देना भारत ने उचित नहीं समझा| ऐसे सूखे प्रतिसाद के ज़रिये भारत चीन को समझ देता हुआ दिखाई दिया| इसकी वजह से चीन के विदेशमंत्री की काफी मुश्किल हुई और अपने विदेशमंत्री के इस भारत दौरे की जानकारी कुछ समय बाद सार्वजनिक की जाएगी, यह ऐलान चीन के विदेश मंत्रालय ने किया है|

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