लिथिअम की खोज में चीन का पथक अफगानिस्तान में दाखिल

काबुल/बीजिंग – अफगानिस्तान के ट्रिलियन डॉलर्स के ‘रेअर अर्थ’ यानी दुर्लभ खनिजों की खोज में चीन की पांच कंपनियों का पथक अफगानिस्तान में दाखिल हुआ है। चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने इसकी जानकारी प्रकाशित की। इन दुर्लभ खनिजो में से लिथियम के भंडार पर कब्ज़ा करने के लिए चीन कोशिश कर रहा होने की चेतावनी अन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषक दे रहे हैं।

afghan-lithium-china-1तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद चीन इस आतंकवादी संगठन की सहायता करने दौड़ा चला आया है। तालिबान को आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर तालिबान की हुकूमत को मान्यता प्राप्त करा देने के लिए चीन की कोशिशें जारी हैं। अमरीका और नाटो की वापसी के बाद, चीन अफगानिस्तान पर नियंत्रण प्राप्त करने की तैयारी कर रहा है, ऐसा आरोप किया जाता है। अफगानिस्तान में होनेवाला लगभग २ ट्रिलियन डॉलर्स इतना दुर्लभ खनिज संपत्ती का भंडार चीन की इन गतिविधियों के पीछे होने की बात कही जाती है।

इसके लिए चीन की हुकूमत ने पाँच बड़ी कंपनियों का पथक स्पेशल वीज़ा देकर अफगानिस्तान रवाना किया है। नवंबर महीने की शुरुआत में ही यह प्रतिनिधिमंडल अफगानिस्तान में दाखिल हुआ था। चीन के सरकारी मुखपत्र ने इस दौरे के संदर्भ में अधिक विवरण प्रकाशित नहीं किया है। लेकिन अफगानिस्तान में होनेवाला सुरक्षा, स्थिरता, अर्थव्यवस्था और बुनियादी सुविधाओं का अभाव यह चिनी कंपनियों की चिंता का कारण होने का दावा किया जाता है।

अफगानिस्तान यानी ‘लिथिअमसंपन्न सऊदी अरब’ होने का दावा दशकभर पहले अमरीका की गुप्तचर यंत्रणाओं ने अपनी रिपोर्ट में किया था। माइक्रोचिप से लेकर इलेक्ट्रिक कार्स के लिए इस्तेमाल किए जानेवाले अफ़ग़ानिस्तान स्थित लिथियम के भंडार पर चीन की नजरें गड़ी होकर, यह भंडार चीन को प्राप्त करा देने के लिए पाकिस्तान सहायता कर रहा है, ऐसा आरोप विश्लेषक कर रहे हैं।

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