देश की आर्थिक प्रगति पर कोरोना की महामारी का असर नहीं होने देंगे – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गवाही

नई दिल्ली – ‘नए साल में देश के आर्थिक विकास की गति बढ़ाने की आवश्‍यकता है। ऐसा करते समय कोरोना की महामारी का देश की आर्थिक गति पर असर नहीं होने देंगे। देश सावधानी से कोरोना की महामारी का मुकाबला करेगा। इसके साथ ही देश के आर्थिक हित सुरक्षित रखने के लिए ध्यान रखा जाएगा’, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है।

कोरोना के संकट को पीछे छोड़कर भारतीय अर्थव्यवस्था छलांग लगाने की तैयारी में होने के दावे अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्था और आर्थिक सर्वे में नामांकित संस्थाओं ने किए थे। मौजूदा दौर में भारत सबसे अधिक दर से प्रगति करता देश है और इस महामारी के दौर में भी भारत के आर्थिक प्रदर्शन का संज्ञान पूरे विश्‍व ने लिया था। अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने भी इस दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा करके विक्रमी निवेश किया। लेकिन, ऐसी स्थिति में कोरोना की नई लहर का भारत के विकास पर असर पड़ेगा, यह चिंता जताई जा रही है।

इस पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना की महामारी का देश के आर्थिक विकास पर असर पड़ने नहीं दिया जाएगा, यह गवाही दी। प्रधानमंत्री किसान योजना के अनुसार किसानों को प्रदान हो रही निधि की दसवीं किश्‍त देते समय बोल रहे थे। वर्ष २०२१ भारत ने कोरोना की महामारी से समर्थता से सामना करने के लिए हमेशा याद में रहेगा। इस दौर में देश ने कोरोना वैक्सीन के १४५ करोड़ से अधिक डोज जनता को दिए। अलग अलग क्षेत्रों में भारत ने काफी बड़े सुधार किए और आधुनिक बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया, इस पर भी प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोरोना के पहले के दौर से अधिक बेहतर प्रदर्शन करने की बात कुछ निकषों पर स्पष्ट हुई है, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने इस पर संतोष जताया। इसका दाखिला देते हुए प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था आठ प्रतिशत से अधिक गति से प्रगति कर रही है, ऐसा कहा। इसके साथ ही देश में ‘एफडीआई’ का निवेश विक्रमी स्तर पर जा पहुँचा है और विदेशी मुद्रा भंड़ार को भी नई उंचाई प्राप्त हुई है, इसका भी अहसास उन्होंने कराया। देश के ‘जीएसटी’ संकलन में बढ़ोतरी हो रही है और निर्यात क्षेत्र में, इसमें भी कृषि क्षेत्र से जुड़े निर्यात में काफी बड़ी बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

इसके साथ ही यूपीआई के ज़रिये ७० लाख करोड़ रुपयों से अधिक कारोबार हुआ है, इस पर भी प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। तो, वर्ष २०२१ देश की सांस्कृतिक विरासत अधिक मज़बूत करनेवाला वर्ष साबित हुआ। काशी विश्‍वनाथ धाम, केदारनाथ धाम का विकास और सुशोभिकरण, आदि शंकराचार्य के समाधी स्थान का पूनर्निर्माण, देश से बाहर पहुँचाई गई अन्नपूर्णा माता की मूर्ती की प्रतिष्ठापना, राममंदिर का निर्माण और धोलावीरा एवं दूर्गापूजा को ‘वर्ल्ड हेरिटेज’ का मिला हुआ सम्मान देश का सांस्कृतिक स्तर पर सम्मान बढ़ानेवाले साबित हुए हैं। इससे देश में पर्यटन बढ़ेगा और तीर्थस्थानों का इससे अधिक विकास होगा, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया।

वर्ष २०२२ में भारत अपनी स्वतंत्रता का अमृतमहोत्सव मना रहा है। यह देश की शानदार यात्रा की नींव स्थापित करनेवाला साल साबित होगा। नए जोश से हमें इसका स्वागत करना है, यह संदेश प्रधानमंत्री ने दिया।

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