ईरान में हुई बैठक में तालिबान और मसूद की ड़ील होने का दावा – नैशनल रेज़िस्टन्स फ्रन्ट का इन्कार

काबुल – अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत के विदेशमंत्री आमिर खान मोत्ताकी और तालिबान विरोधी ‘नैशनल रेज़िस्टन्स फ्रंट’ (एनआरएफ) के प्रमुख अहमद मसूद की गुप्त चर्चा हुई। ईरान की मध्यस्थता से राजधानी तेहरान में इनकी यह मुलाकात हुई है और इस दौरान सीक्रेट डील होने का दावा किया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों से मसूद की ‘एनआरएफ’ तालिबान के खिलाफ संघर्ष कर रही है। इस वजह से मसूद और तालिबानी नेताओं की मुलाकात पर आश्‍चर्य व्यक्त किया जा रहा है। ‘एनआरएफ’ ने ऐसी किसी भी तरह की चर्चा ना होने का बयान किया है। लेकिन, तालिबान ने मसूद से हुई मुलाकात की खबर की पुष्टी की है।

taliban-massoud-deal-iranपिछले हफ्ते शनिवार को तालिबानी हुकूमत के विदेशमंत्री आमिर खान मोत्ताकी ने ईरान का दौरा किया था। ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ ने तालिबान के विदेशमंत्री को खास आमंत्रित किया था। इस दौरे से ईरान के साथ राजनीतिक, व्यापारी और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए कोशिश करेंगे, यह ऐलान मोत्ताकी ने राजधानी तेहरान में उतरने के बाद किया था। इसके बाद ईरान और तालिबान की चर्चा का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया गया है।

लेकिन, सोमवार को तालिबान के विदेशमंत्री और ‘नैशनल रेजिस्टन्स फ्रंट’ (एनआरएफ) के प्रमुख अहमद मसूद की गुप्त भेंट होने की खबर सामने आ रही है। ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ ने यह मुलाकात करवाई, ऐसा दावा किया जा रहा है। अहमद मसूद के साथ अफ़गानिस्तान के हेरात प्रांत के पूर्व गवर्नर इस्माईल खान भी मोत्ताकी के साथ चर्चा में शामिल थे, ऐसा माध्यमों का कहना है।

इस मुलाकात के दौरान तालिबान और मसूद की सीक्रेट डील होने की बात कही जा रही है। मसूद के नियंत्रण वाले अफ़गानिस्तान के पंजशीर में शांति स्थापित होने से संबंधित चर्चा हुई। तालिबान इसके आगे ‘एनआरएफ’ के हितों पर हमले ना करे, यह माँग मसूद ने रखी। इस्माईल खान ने इससे पहले भी तालिबान और एनआरएफ के नेताओं की मुलाकातें करवाई थीं। इस वजह से माध्यमों में प्रसिद्ध हो रही खबरों में सच्चाई होने का दावा किया जा रहा है।

लेकिन, तालिबान और मसूद की तेहरान में मुलाकात नहीं हुई, यह ‘एनआरएफ’ के प्रवक्ता सिबघतुला अहमदी ने स्पष्ट किया। लेकिन, तालिबान के प्रवक्ता ज़बिहुल्ला मुजाहिद ने सोमवार को सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध की हुई पोस्ट में विदेशमंत्री मोत्ताकी ने ‘एनआरएफ’ के प्रमुख अहमद मसूद और इस्माईल खान से तेहरान में मुलाकात करने का ऐलान किया। साथ ही मसूद और खान निश्चिंत होकर अफ़गानिस्तान लौट आए, उनकी सुरक्षा की जाएगी, यह प्रस्ताव तालिबान के विदेशमंत्री द्वारा दिए जाने की बात मुजाहिद ने कही है।

पिछले कुछ महीनों से मसूद के नेतृत्व में ‘एनआरएफ’ के लड़ाकू तालिबान की हुकूमत के खिलाफ पंजशीर में संघर्ष कर रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों में इस संघर्ष की तीव्रता कम हुई थी। ऐसी स्थिति में ईरान ने तालिबान और मसूद के बीच मध्यस्थता करने से अलग ही संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

कुछ ही दिन पहले ईरान ने अफ़गान जनता तक भारत की सहायता पहुँचाने के लिए पहल की है। भारत ने ईरान के रास्ते अफ़गानिस्तान को सहायता पहुंचाने से अपनी अहमियत कम होने की चिंता पाकिस्तान को सता रही है। ऐसे में ही अफ़गान जनता के लिए भारत की सहायता प्राप्त होने के बाद तालिबान भारत के प्रति आभार जताने के लिए अधिक तत्परता दिखा रहा है, यह शिकायत पाकिस्तान द्वारा की जा रही है।

ऐसी स्थिति में तालिबान और मसूद की सीक्रेट डील पाकिस्तान को अधिक बेचैन कर सकती है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ अफ़गानिस्तान की यात्रा करने से पहले शुरू हुई यह गतिविधियाँ चिंता बढ़ानेवाली होने का बयान पाकिस्तानी माध्यम कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.