रक्षाबलप्रमुख ने किया ‘सुसाईड ड्रोन’ के प्रोटोटाइप का निरीक्षण

नागपूर – शत्रुं पर विस्फोटकों के साथ आत्मघाती हमला करने की क्षमता वाले ‘सूसाईड ड्रोन’ का प्रोटोटाईप तैयार किया गया है और भारतीय रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने सोमवार के दिन इसका निरीक्षण किया| नागपुर के सोलार ग्रूप ऑफ कंपनी ने इस सुसाईड ड्रोन का निर्माण किया है और जनवरी से इसका उत्पादन शुरू होगा| इससे पहले भारतीय रक्षाबलप्रमुख ने नागपुर की इस कंपनी के प्रकल्प का दौरा किया| इस दौरान उनके सामने ‘सुसाईड ड्रोन’ के क्षमता का प्रदर्शन किया गया|

‘सुसाईड ड्रोन’बिपीन रावत मंगलवार के दिन पुणे में हैं और इससे पहले उन्होंने नागपुर का दौरा किया| इस दौरान सोलर ग्रूप ऑफ कंपनीज् ने बनाए सुसाईड ड्रोन पेश करके उसकी क्षमता का प्रदर्शन किया| यह ड्रोन छोटी दूरी का ‘सुसाईड ड्रोन’ है|

इस ‘ड्रोन’ की वजह से भारतीय रक्षाबलों की ताकत बढ़ाने में सहायता होगी| इस ड्रोन के लिए अलग अलग तरह के विस्फोटकों का निर्माण किया गया है| सैनिकों पर हमला करने के साथ बंकर्स, वाहन और टैंक नष्ट करने की क्षमता भी यह ड्रोन रखता है| अगले वर्ष जनवरी में इस ड्रोन का उत्पादन शुरू करने के लिए कंपनी युद्ध स्तर की कोशिश कर रही है|

लॉईटरिंग म्युनिशन पद्धति के ड्रोन को सुसाईड ड्रोन या कामिकाज़े ड्रोन के नाम से भी जाना जाता है| यह ड्रोन लक्ष्य की निगरानी करके अपनी ओर बढ़ता हुआ लक्ष्य भी नष्ट कर सकते है| इसके लिए इसे विस्फोटकों के साथ लक्ष्य पर टकराया जाता है| इसलिए इसे सुसाईड ड्रोन कहा जाता है| विश्‍व के कई देशों ने लंबी दूरी के ‘लॉइटरिंग म्युनिशन’ अर्थात सुसाइड ड्रोन प्राप्त किए हैं| लेकिन, भारत में छोटी दूरी के ड्रोन का निर्माण किया गया है और यह ड्रोन किसी बैग में भी आसानी से रखा जा सकता है|

फिलहाल ‘नो कौन्टैक्ट वॉरफेअर’ युद्ध तकनीक की अहमियत बढ़ रही है| भारतीय रक्षाबलों की भी इसी दिशा में कोशिश जारी है| कुछ महीने पहले ही भारतीय सेना ने ऐसे १०० ड्रोन्स का ऑर्डर दर्ज़ किया है| नौसेना और वायुसेना भी ऐसे ड्रोन्स की खरीद की कोशिश में हैं| भारत को ऐसे ड्रोन्स पाने के लिए अब तक अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ रहा था| लेकिन, इन सुसाइड ड्रोन्स का भारत में ही निर्माण होने से रक्षाबलों को इसकी उचित समय पर सप्लाई हो सकेगी|

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