अफ़गानिस्तान में जारी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान और चीन को रक्षामंत्री का इशारा

वेलिंग्टन – ‘आतंकवाद, पड़ोसी देश की राष्ट्रीय नीति बनी है। आतंकियों को हथियार, पैसे और प्रशिक्षण प्रदान करके उनके ज़रिये भारत को लक्ष्य करना ही इस देश का उद्देश्‍य है। यह काफी बड़ा बदलाव है। इसे ध्यान में रखते हुए भारत ने अपनी रक्षा नीति में बदलाव किए हैं’, ऐसा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा। सीधे नाम का ज़िक्र करने से दूर रहकर रक्षामंत्री ने पाकिस्तान की आतंकी नीति पर जोरदार प्रहार किया। साथ ही देश की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह का समझौता किए बगैर ज़रूरत महसूस होने पर देश के बाहर जाकर हमले करने का साहस भारत दिखाएगा, यह इशारा रक्षामंत्री ने दिया।

तालिबान ने अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा किया है। पाकिस्तानी सेना के समर्थन से ही तालिबानी आतंकियों ने अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा किया, यह दावा किया जा रहा है। अगले दिनों में तालिबान के ज़रिये अफ़गान भूमि का इस्तेमाल भारत में आतंक फैलाने के लिए करने की साज़िश पाकिस्तान ने रचि है। पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी संगठन ‘जैश ए मोहम्मद’ के प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर ने तालिबानी नेता मुल्ला गनी बरादर से मुलाकात करने की खबर प्रसिद्ध हुई थी। इस दौरान मसूद अज़हर ने कश्‍मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए तालिबान सहायता प्रदान करे, यह माँग करने की बात कही जा रही है।

इन सभी गतिविधियों पर भारत की कड़ी नज़र है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात का अहसस कराया। तामिलनाडु के वेलिंग्टन में स्थित ‘डिफेन्स सर्विसस स्टाफ’ कॉलेज के कार्यक्रम में बोलते समय रक्षामंत्री ने आतंकी साज़िश पर काम कर रहे पाकिस्तान को कड़े शब्दों में इसके परिणामों का इशारा दिया। ‘असल युद्ध में भारत के सामने अपना कुछ भी नहीं होगा, इस बात का अहसास पड़ोसी देश को है। इसी कारण छुपा युद्ध करने के लिए इस देश ने आतंकवाद का इस्तेमाल किया। आतंकवाद ही इस देश की राष्ट्रीय नीति है’, इन शब्दों में रक्षामंत्री ने पाकिस्तान पर प्रहार किया।

अफ़गानिस्तान की स्थिति की वजह से भारत के समक्ष सुरक्षा की गंभीर चुनौती खड़ी है। इसका विचार करके भारत अपनी रक्षा संबंधी नीति और रणनीति में काफी बड़े बदलाव कर रहा है। क्वाड का गठन और ‘इंटिग्रेटेड बैटल ग्रूप्स-आयबीजीज्‌’ यानी तीनों रक्षाबलों के समावेश वाला एक लष्करी दल इसके लिए तैयार किया जा रहा है। इससे निर्णय करने में देरी होने से बचा जाएगा और सुरक्षा के लिए आवश्‍यक निर्णय तुरंत किए जाएंगे, ऐसा विश्‍वास रक्षामंत्री ने जताया।

वर्ष २०१६ तक भारत ने पाकिस्तान पृरस्कृत आतंकवाद को लेकर प्रतिक्रिया देने की नीति अपनाई थी। इसमें आतंकी हमला होने के बाद की गतिविधियों का समावेश था। लेकिन, वर्ष २०१९ से भारत ने आतंकी हमले रोकने के लिए सक्रियता बढ़ाई और आक्रामक नीति अपनाई। इसका असर दिखाई दे रहा है, ऐसी फटकार रक्षामंत्री ने लगाई।

‘आतंकी हमले के बाद भारत अपने क्षेत्र में घुसकर कार्रवाई करेगा, यह अहसास होने के बाद पड़ोसी देश की नीति बदली। इस वजह से सीमा पर संघर्ष विराम भी हुआ। भारत के लष्करी सामर्थ्य की कामयाबी ही इस युद्धविराम के पीछे है। इसी कारण यह युद्धविराम कामयाब हुआ’, ऐसा कहकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को यही भाषा समझ में आती है, ऐसे संकेत दिए हैं। पाकिस्तान को तमाचा जड़ने के साथ ही रक्षामंत्री ने चीन को भी लक्ष्य किया। दूसरा पड़ोसी सीमा पर एकतरफा बदलाव करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन, वहां पर भी भारतीय सेना ने अपना दृढ़ निर्धार और सामर्थ्य का असहसास कराया, यह बात राजनाथ सिंह ने कही है।

एक ही समय पर पाकिस्तान और चीन पर रक्षामंत्री ने किया यह बयान भारत की बदली हुई रक्षा संबंधी नीति के सबूत दे रहा है। भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के समावेश वाले ‘क्वाड’ का जिक्र एवं पाकिस्तान के आतंकवाद को मुंह के बल गिरानेवाला जवाब देने का इशारा और आयजीबीज्‌ के संदर्भ के ज़रिये इन दोनों पड़ोसी देशों को इशारा दिया हुआ दिख रहा है। बदलती स्थिति के अनुसार भारत अपनी रक्षा संबंधी नीति में आवश्‍यक बदलाव कर रहा है, इस वजह से बदलती स्थिति का लाभ उठाकर भारत के सामने चुनौती खड़ी करने की कोशिश नाकाम होगी, यह संदेश रक्षामंत्री ने पाकिस्तान और चीन को दिया है।

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