राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की नीतियों के कारण तुर्की पर मँड़रा रहा आर्थिक संकट अधिक ही बढ़ा

erdogan-turkey-economic-crisis-2इस्तंबूल – राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन की आर्थिक नीतियाँ और सेंट्रल बैंक के गवर्नर पर हुई कार्रवाई, इससे अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में लीरा में गिरावट हुई। तुर्की की करेंसी होनेवाले लीरा के मूल्य में सोमवार को एक प्रतिशत इतनी गिरावट दर्ज हुई होकर, इस देश में महँगाई भी चरमसीमा तक पहुँची है। इससे तुर्की पर मँड़रा रहा आर्थिक संकट अधिक ही बढ़ा होने की चेतावनी स्थानीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय संगठन दे रहे हैं।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में वृद्धि हो रही है, इसके बावजूद भी राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने ब्याज दरों में कटौती करने की नीति अपनाई है। उच्च ब्याज दरों के कारण महँगाई बढ़ती है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन का कहना है। इस कारण सितंबर महीने से तुर्की के सेंट्रल बैंक ने ब्याज दर में चार प्रतिशत की कटौती की और परिस्थिति को काबू में लाने की कोशिश की। लेकिन उससे तुर्की पर मँड़रा रहा आर्थिक संकट नहीं टला है। उल्टे ऐसी गलत आर्थिक नीति और फ़ैसले का असर लिरा पर हो रहा है, ऐसी आलोचना अन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं।

erdogan-turkey-economic-crisis-1अमेरिकन डॉलर और युरो की तुलना में लीरा के मूल्य में लगातार गिरावट दर्ज हुई। इस साल की शुरुआत से अब तक लीरा के मूल्य में ४० प्रतिशत की गिरावट आने का दावा किया जाता है।

नवंबर महीने में मुद्रास्फीति २१.३१ प्रतिशत पर पहुंची है। अक्टूबर महीने में उसका प्रमाण १९.८९ प्रतिशत इतना था। तुर्की के होलसेल मार्केट में जीवन आवश्यक वस्तुओं की कीमतें भड़कीं होकर, तुर्की की जनता में असंतोष बढ़ रहा है। नैसर्गिक ईंधन वायु की दर में १०२ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राजधानी अंकारा तथा इस्तंबूल में अंडे, मांस, ब्रेड कीमतों में ३५ से ४० प्रतिशत से वृद्धि हुई है।

तुर्की इन दिनों भीषण महँगाई का सामना कर रहा है। राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने अगर अपनी गलत नीतियाँ नहीं बदलीं, तो तुर्की की जनता को ‘हायपरइन्फेलशन’ का यानी भयंकर महँगाई का सामना करना पड़ेगा, ऐसी चेतावनी ‘फायनॅन्शियल टाईम्स’ ने दी थी। ऐसी परिस्थिति में तुर्की की जनता को एक समय का पेट भरके खाना भी नहीं मिलेगा, ऐसी चिंता अन्तर्राष्ट्रीय संगठन ज़ाहिर कर रहे हैं।

erdogan-turkey-economic-crisis-3इस महँगाई को मात देने के लिए, राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने कुछ दिन पहले अपनी जनता को मांसाहार कम करने की सूचना की थी। मांसाहार की अपेक्षा नागरिक शाकाहार का प्रमाण बढ़ाएँ, अपनी आहार की आदतें बदलें, ऐसी नसीहत एर्दोगन ने दी थी। ‘राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन को बहुत देर बाद बुद्धिमानी सूझी होकर, हमने बहुत पहले से ही हमारी ज़रूरतें कम कीं हैं। इसके बावजूद भी महँगाई की आँच हमें लग रही है’, ऐसी तीखी आलोचना तुर्की की जनता कर रही है।

आर्थिक मोरचे पर दिखाए ऐसे गैरजिम्मेदाराना बर्ताव के कारण राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की लोकप्रियता बड़े पैमाने पर घटी होने की बात कुछ सर्वेक्षणों से सामने आई थी। इसी बीच, तुर्की को इस आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन अब अन्य देशों की सहायता लेने की तैयारी में हैं। इसी के लिए वे इन दिनों कतार के दौरे पर गए होने की बात कही जाती है। कतार तुर्की को आर्थिक सहायता करें और इस संकट से बचाएँ, ऐसी माँग तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने की होने की खबरें आ रही हैं।

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