ठंड़ के मौसम में यूरोपिय देशों का संकट अधिक तीव्र होगा – ‘इंटरनैशनल एनर्जी एजेन्सी’ की चेतावनी

पैरिस – साल २०१८ के ‘बीस्ट फ्रॉम द ईस्ट’ जैसी कड़ाके की ठंड़ फैलानेवाली शीत लहर यूरोप में दाखिल होगी। ऐसी स्थिति में यूरोपिय देशों को ईंधन वायु की काफी बड़ी ज़रूरत महसूस होगी। लेकिन, यूरोपिय देशों के लिए इंधन की आपूर्ति कर रही रशिया इसका लाभ उठाकर इंधन का इस्तेमाल राजनयिक हथियार के तौर पर करेगी। यह यूरोपिय देशों के लिए काफी बड़ा खतरा हो सकता है, ऐसी चेतावनी ‘इंटरनैशनल एनेर्जी एजेन्सी’ (आईईए) ने दिया है। खास तौर पर ठंड़ के दिनों में ईंधन वायु की सप्लाई पूरी तरह से बंद करके रशिया यूरोपिय देशों को घुटनों के बल लाने की संभावना से आईईए ने इन्कार नहीं किया।

यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यूरोपिय देशों ने रशियाविरोधि भूमिका अपनाई थी। लेकिन, ईंधन वायु के लिए यूरोपिय देश रशिया पर निर्भर हैं। अमरीका ने रशिया के डॉलर से कारोबार करने पर प्रतिबंध लगाए। इसके बाद रशिया ने रुबल से बिल का भुगतान करनेवाले देशों को ही ईंधन वायु की सप्लाई होगी, यह इशारा दिया था। इसका पालन ना करनेवाले देशों की ईंधन वायु की सप्लाई रशिया ने कम करने की खबरें सामने आयी थीं। ऐसी स्थिति में आनेवाले जाड़ों में यूरोपिय देशों की स्थिति अधिक बिगडेगी, ऐसे दावे किए जा रहे हैं।

ठंड़ के मौसम में घरों में गरमाहट बनाए रखने के लिए यूरोपिय देश हीटर का इस्तेमाल करते हैं। इसके कारण इस मौसम में युरोपिय देशों में ईंधन वायु की माँग बड़े पैमाने पर बढ़ती है। इस माँग के मद्देनज़र यूरोपिय देश कुछ समय पहले से ईंधन वायु का अतिरिक्त भंड़ारण करते हैं। लेकिन, इस साल यह भंड़ारण पर्याप्त नहीं है। फिलहाल यह भंड़ारण ९० प्रतिशत होने पर ‘आईईए’ ने ध्यान आकर्षित किया। यूक्रेन युद्ध की वजह से यूरोपिय देश पर्याप्त मात्रा में ईंधन वायु का भंड़ारण नहीं कर पाए हैं। साथ ही रशिया ने भी यूरोपिय देशों की ईंधन सप्लाई जानबूझकर घटाई है, ऐसा दावा आईईए ने किया।

साल २०१८ की तरह इस साल यूरोप को शीत लहरों का सामना करना पड़ेगा। इससे वर्तमान वर्ष में यूरोप में ठंड़ का मौसम अधिक तीव्र रहेगा और इसका मुकाबला करने के लिए गैस का इस्तेमाल अधिक होगा। इसके लिए आवश्यक पर्याप्त भंड़ारण ना होने से यूरोपिय देशों को काफी बड़े संकट का मुकाबला करना पडेगा। यूक्रेन युद्ध में अपने खिलाफ भूमिका अपनानेवाले यूरोपिय देशों की नकेल कसने के लिए रशिया यूरोपिय देशों की ईंधन सप्लाई पूरी तरह से खंडित करने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता, ऐसी चेतावनी देकर ‘आईईए’ ने यूरोपिय देशों की नींदें उड़ाई हैं।

इसी बीच, रशिया ने यूरोप को ईंधन सप्लाई करनेवाली ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ पाईपलाईन में विस्फोट करवाया, ऐसा आरोप लगाया गया था। इसके लिए अमरीका ने रशिया को दबोचा था। लेकिन, अरबों डॉलर्स की लागत से निर्माण की गई इस पाइपलाइन को रशिया क्यों तबाह करेगी? यह सवाल करके, रशिया ने अमरीका पर ही आरोप लगाया है। इस मुद्दे आरोप-प्रतिआरोप किए जा रहे हैं और इसी दौरान यूरोप के सामने ठंड़ के लिए आवश्यक ईंधन वायु का पर्याप्त भंड़ारण की चुनौती भी खड़ी होती दिख रही है।

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