प्रतिबंधों की भाषा छोड़कर युरोपीय महासंघ रशिया से बातचीत करें – फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन

रशिया से बातचीतपैरिस – ‘रशिया पर युरोपीय महासंघ ने लगाए प्रतिबंधों ने काम नहीं किया है। ऐसें में अब महासंघ अपनी विदेश नीति में बदलाव करके, रशिया पर प्रतिबंध लगाने के बजाय अपनी भूमिका पर पुनर्विचार करें’, ऐसी सूचना फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने की है। बेलारूस के मुद्दे पर युरोपीय महासंघ और रशिया फिर से एक-दूसरे के विरोध में खड़े हो रहे हैं और ऐसें में फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने यह आवाहन किया है। इससे पहले जर्मनी की चान्सेलर एंजेला मर्केल ने भी रशिया के साथ सहयोग की भूमिका अपनाई थी।

ब्रुसेल्स में हुई युरोपीय महासंघ की बैठक के बाद माध्यमों से बातचीत करते समय, राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने रशिया संबंधित भूमिका में बदलाव करने की आवश्‍यकता बयान की। इससे पहले युक्रैन एवं नैव्हेल्नी मामले में महासंघ ने रशिया पर प्रतिबंध लगाए थे। लेकिन इसका रशिया पर असर नहीं हुआ है, इस ओर भी मैक्रॉन ने ध्यान आकर्षित किया। नैव्हेल्नी के मामले में माध्यमों ने किए सवाल पर राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने यह स्पष्ट भूमिका रखी।

‘रशिया के खिलाफ क्या करना होगा, आपकी इच्छा क्या हैं? क्या रशिया के विरोध में लष्करी संघर्ष करना है? या पूरी तरह से संबंध तोड़ने हैं और अधिक प्रतिबंध लगाने हैं क्या? लेकिन, यह कब तक जारी रहेगा’, ऐसें सवाल मैक्रॉन ने किए। साथ ही ‘रशिया के संबधों के मुद्दे पर हमारें लिए सत्य स्वीकारने की घड़ी अब आई है’, ऐसा कहकर राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने, महासंघ की विदेश नीति में बदलाव की ज़रूरत होने की बात स्पष्ट की।

रशिया से बातचीतरशियन राष्ट्राध्यक्ष के साथ चर्चा की, तो उनके युरोप संबंधित उद्देश्‍य स्पष्ट होंगे। इसके बाद युरोपीय महासंघ पुख्ता भूमिका अपना सकता है, ऐसा सुझाव फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने रखा। इससे पहले जर्मनी की चान्सेलर एंजेला मर्केल ने भी रशिया के साथ सहयोग स्थापित करने के लिए आवाहन किया था। साथ ही, जर्मनी ने रशिया के साथ किए ‘नॉर्डस्ट्रिम २’ गैस पाइपलाइन संबंधित सहयोग का भी समर्थन किया था।

लेकिन, महासंघ के अन्य देश रशिया के साथ मेल करने के लिए तैयार नही हैं। बल्कि रशिया की ‘आर्क्टिक एलएनजी २’ गैस परियोजना से फ्रान्स, जर्मनी और इटली निवेश हटाएँ, ऐसा आवाहन युरोपीय महासंघ कर रहा है। रशियन प्रकल्पों में किया निवेश सुरक्षित नहीं है और ऐसा करना महासंघ की नीति के विरोध में है, ऐसा दावा महासंघ के कुछ सांसदों ने किया है।

इसी बीच, रशिया ने बेलारूस के मुद्दे पर युरोपीय देशों की राह में अड़ंगा बनाना शुरू किया होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। बेलारूस की हवाई सीमा को बाजू में रखकर रशिया में प्रवेश कर रहें विमानों को प्रवेश देने से रशिया ने इन्कार किया होने के आरोप हो रहे हैं।

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