फ्रान्स खाड़ी क्षेत्र में अस्थिरता निर्माण कर रहा होने का ईरान का आरोप

तेहरान/पॅरिस – फ्रान्स और युएई में हुए रफायल लड़ाकू विमानों की खरीद के समझौते से ईरान बेचैन हुआ है। ‘खाड़ी क्षेत्र के देशों को हथियारों की बिक्री करके फ्रान्स इस क्षेत्र में अस्थिरता निर्माण कर रहा है। फ्रान्स के हथियार खाड़ी क्षेत्र में अशांति मचाएंगे’, ऐसा आरोप ईरान ने किया। वियना में परमाणु समझौते के संदर्भ में जारी चर्चा को लेकर भी फ्रान्स और ईरान आमने-सामने आए हैं। परमाणु समझौते के संदर्भ में ईरान ने दिया प्रस्ताव स्वीकारार्ह नहीं है, ऐसा फ्रान्स ने कहा है।

खाड़ी क्षेत्र में अस्थिरतापिछले हफ्ते में फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युअल मॅक्रॉन ने युएई तथा सऊदी अरब का दौरा किया था। इसमें से युएई के दौरे में राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रॉन ने क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन झाएद से मुलाकात की थी। उसके बाद फ्रान्स और युएई के बीच १८ अरब डॉलर्स का यह समझौता संपन्न हुआ था। फ्रान्स के इतिहास में यह सबसे बड़ा रक्षा समझौता होने का दावा किया जाता है। इसके अनुसार फ्रान्स युएई को ८० रफायल विमानों के ‘एफ-४’ इस प्रगत संस्करण की सप्लाई करने वाला है। उसी के साथ, १२ हेलिकॉप्टर्स की खरीद के संदर्भ में किए समझौते का भी इसमें समावेश था।

खाड़ी क्षेत्र में अस्थिरताफ्रान्स की रक्षामंत्री फ्लॉरेन्स पार्ली ने, यह समझौता प्रादेशिक स्थिरता के लिए महत्त्वपूर्ण होने की बात कही थी। वहीं, इससे युएई की रक्षा क्षमता में भारी वृद्धि होनेवाली है, ऐसा दावा अन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषकों ने किया था। फ्रान्स और युएई के बीच के इस रक्षा समझौते पर ईरान ने गुस्सा ज़ाहिर किया है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खातिबझादेह ने, युएई को रक्षासामग्रियों की बिक्री करनेवाले फ्रान्स की आलोचना की।

‘खाड़ी क्षेत्र में अस्थिरता निर्माण करने में फ्रान्स जो भूमिका अदा कर रहा है, उसे अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय नज़रअंदाज ना करें। इस क्षेत्र का लष्करीकरण कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फ्रान्स जो हथियार अरब देशों को बेच रहा है, वे इस क्षेत्र में अशांति मचाएंगे’, ऐसी चेतावनी ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता खातिबझादेह ने दी। साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी खातिबझादेह ने आड़े हाथ लिया।

खाड़ी क्षेत्र में अस्थिरता‘अरब देशों को अरबों डॉलर्स के हथियारों की बिक्री की जाती है। लेकिन उसपर अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय को हरगिज चिंता प्रतीत नहीं होती। लेकिन ईरान के क्षेपणास्त्र कार्यक्रम की तुरंत आलोचना की जाती है’, ऐसा आरोप खातिबझादेह ने किया। ईरान का शास्त्र तथा परमाणु कार्यक्रम यह जागतिक चिंता का विषय बन रहा है। पिछले हफ्ते से ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में, ईरान के साथ किये जानेवाले परमाणु समझौते पर अमरीका तथा युरोपीय देशों की ईरान से चर्चा जारी है।

चर्चा शुरू होकर दस दिन बीते हैं। लेकिन अभी भी परमाणु समझौते को लेकर संतोषजनक समाधान हासिल नहीं हुआ है, ऐसा दावा किया जाता है। ‘इस परमाणु समझौते में शामिल होने के लिए ईरान ने पश्चिमी देशों के सामने रखा प्रस्ताव, यह इस चर्चा में सहभागी हुए सभी देशों के हित का नहीं है। इस कारण यह प्रस्ताव स्वीकारने लायक नहीं है’, ऐसी आलोचना फ्रान्स के विदेश मंत्रालय ने की है।

इसी बीच, ईरान सन २०१५ के परमाणु समझौते में बिनाशर्त शामिल हों, ऐसी माँग फ्रान्स तथा ब्रिटेन कर रहे हैं। लेकिन ईरान ने अमरीका के सामने, ईरान पर लगे प्रतिबंध हटाने की माँग की होने की जानकारी सामने आ रही है। ईरान की इस माँग पर फ्रान्स ने ऐतराज़ जताने की बात बताई जाती है।

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