जर्मनी का कतार के साथ ईंधन वायु संबंधित समझौता

दोहा/बर्लिन – ईंधन वायु के लिए रशिया पर निर्भरता कम करने के इरादे से जर्मनी ने तेज़ गतिविधियॉं शुरू की हैं| इस पृष्ठभूमि पर जर्मनी ने रविवार को कतार के साथ ईंधन वायु से संबंधित लंबे समय तक सहयोग के विषय पर समझौता किया| इसकी वजह से जर्मनी में ईंधन संकट कम होगा, ऐसा दावा जर्मन माध्यम कर रहे हैं| लेकिन, कतार से यह सप्लाई सामान्य होने के लिए काफी देरी लगेगी, इस पर अंतरराष्ट्रीय माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं|

germany-qatar-agreementजर्मनी के वित्तमंत्री रॉबर्ट हैबेक ने रविवार को कतार का दौरा किया| राजधानी दोहा में जर्मन वित्तमंत्री ने कतार के आमिर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी से बातचीत की| इसमें द्विपक्षीय सहयोग के अलावा ईंधन संबंधि सहयोग का भी समावेश होने की जानकारी कतार सरकार ने प्रदान की| इस दौरे के बीच में जर्मनी और कतार ने लंबे समय तक ईंधन सहयोग का समझौता किया, यह ऐलान जर्मनी ने किया|

कतार या जर्मनी ने इस समझौते का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया है| लेकिन, जर्मनी के साथ किए गए इस समझौते के लिए कतार पिछले कई वर्षों से कोशिश कर रहा था| लेकिन, दोनों देशों के इस निर्णय पर सहमति नहीं हो सकी थी| पर, अब किए गए समझौतेनुसार कतार से जर्मनी को भारी मात्रा में ईंधन वायु की आपूर्ति की जाएगी, यह जानकारी कतार ने साझा की|

लेकिन, कतार से मिलनेवाले इस ईंधन वायु का भंड़ारण करने के लिए जर्मनी में पर्याप्त सुविधा ना होने की बात पर अंतरराष्ट्रीय माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं| अब तक अन्य यूरोपिय देशों की तरह जर्मनी ने भी रशिया से भारी मात्रा में ईंधन वायु खरीदना जारी रखा है| लेकिन, रशिया से यह आपूर्ति यूक्रैन की पाइपलाइन से होती है|

पिछले महीने रशिया ने यूक्रैन पर हमले करने के बाद ईंधन वायु की आपूर्ति खंड़ित हुई है| इसकी वजह से जर्मनी ने ईंधन वायु की सप्लाई के लिए विकल्प तलाशने की दिशा में कदम उठाए हैं| ऐसी स्थिति में जर्मनी ने कतार के साथ यह समझौता किया| लेकिन, कातर से ईंधन वायु भरकर आनेवाले टैंकरों के ईंधन के भंड़ारण के लिए पर्याप्त टर्मिनल्स जर्मनी में ना होने के मुद्दे पर यूरोपिय विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं|

इसी बीच यूरोपिय महासंघ ने रशिया के ईंधन पर अधिक सख्त प्रतिबंध लगाए, यह मॉंग आयर्लैण्ड और लिथुआनिया कर रहे हैं| लेकिन, महासंघ के सभी यूरोपिय देश रशिया के ईंधन के अलावा हम खड़े नहीं रह सकेंगे, ऐसा कहकर रशिया के ईंधन निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ भूमिका अपनाई है| इसलिए इस मसले पर यूरोपिय महासंघ में तीव्र मतभेद हैं|

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