खाड़ी में अमेरिकी हितसंबंधों को नुकसान पहुंचा रहे ईरान को सबक दे – अमेरिका के सिनेटर लिंडसे ग्राहम की मांग

वॉशिंग्टन – ‘ईरान के समर्थन के बिना हौथी कुछ भी नहीं कर सकती। इसी कारण हमने छह महीने पहले ही ईरान पर हमला करने की मांग उठायी थी। खाड़ी में अमेरिकी हितसंबंधों को ईरान नुकसान पहुंचा रहा हैं और ऐसे में रक्षा मंत्री लॉईड ऑस्टिन कमज़ोरी न दिखाएं। खाड़ी के हितसंबंध अमेरिका के लिए ‘रेड लाईन’ है और इसपर हुए हमलों पर भयंकर जवाबी हमलों से जवाब दिया जाएगा, यह ईरान को दर्शाने की ज़रूरत हैं। अमेरिका ने ईरान के ईंधन क्षेत्र और रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ के मुख्यालय पर ही धावां बोलकर इन ठिकानों को विश्व के नक्शे से हमेशा के लिए मिटा दे’, ऐसी तीव्र मांग अमेरिकी सिनेटर लिंडसे ग्राहम ने उठायी है।

खाड़ी में अमेरिकी हितसंबंधों को नुकसान पहुंचा रहे ईरान को सबक दे - अमेरिका के सिनेटर लिंडसे ग्राहम की मांगयेमन के हौथी विद्रोहियों ने रेड सी एवं बाब अल-मन्देब की खाड़ी से गुजर रहे जहाजों पर हमले बढ़ाए हैं। इस वजह से विश्व की ईंधन और सामान की यातायात बाधित हुई है और १८४ से भी अधिक व्यापारिक जहाज फंसे हैं। इसके अलावा पिछले दस दिनों में हौथी ने दो बार अमेरिकी विध्वंसकों को भी लक्ष्य किया हैं। इराक और सीरिया में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डों पर भी हमले हुए हैं और इससे अमेरिकी सैनिक भी घायल हुए हैं। इराक, सीरिया या रेड सी में हुए हमलों के लिए विभिन्न आतंकी संगठन ज़िम्मेदार होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, यह सभी आतंकवादी संगठन ईरान से जुड़ी होने का आरोप अमेरिका लगा रही हैं।

इसके बावजूद अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ईरान के विरोध में कार्रवाई करना टाल रहे हैं, ऐसी आलोचना की जा रही है। दो दिन पहले अमेरिका ने इराक में स्थित ईरान से जुड़ी आतंकवादी संगठन ‘कतैब हिजबुल्लाह’ के अड्डे पर हमले किए थे। अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर हुए हमलों के लिए यही गुट ज़िम्मेदार होने का बयान करके बायडेन प्रशासन ने अपनी कार्रवाई का समर्थन किया है। वहीं, हौथी को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे नेटवर्क पर भी बायडेन प्रशासन ने प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की है। खाड़ी में अमेरिकी हितसंबंधों को नुकसान पहुंचा रहे ईरान को सबक दे - अमेरिका के सिनेटर लिंडसे ग्राहम की मांगलेकिन, खाड़ी में अमेरिकी हितसंबंधों पर हुए हमलों के पीछे खड़े ईरान के खिलाफ बायडेन प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा हैं, ऐसी आलोचना तीव्र हो रही है। वरिष्ठ सिनेटर लिंडसे ग्रैहम ने एक अमेरिकी समाचार चैनल से बोलते हुए बायडेन प्रशासन ने ईरान के विरोध में आक्रामक नीति अपनाने की मांग उठायी है।

‘राष्ट्राध्यक्ष बायडेन अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है तो उन्होंने ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता को वैसा संदेश देना आवश्यक हैं। पिछले छह महीनों से हम बायडेन प्रशासन से ईरान पर हमला करने के लिए आवाहन कर रहे हैं, ऐसा बयान अमेरिकी सिनेटर ने किया। कुछ दिन पहले ग्रैहम ने यह कहा था कि, गाजा पट्टी और खाड़ी के मुद्दे को लेकर अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन पर अब हमारा भरोसा नहीं रहा।

जहां अमेरिकी सिनेटर ईरान पर हमला करने की सलाह दे रहे थे तभी इस्रायल ने पहले ही ईरान में हमले करने की जानकारी इस्रायल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने सार्वजनिक की है। अमेरिका और इस्रायल ने ईरान पर सीधे हमले करने की आवश्यकता बेनेट ने बयान की है। साथ ही वर्ष २०२२ में इस्रायल ने ईरान के ड्रोन अड्डे पर हमला किया था। इसके बाद अगले ही महीने इस्रायल ने ईरान के वरिष्ठ कमांडर को ढ़ेर किया था, ऐसी जानकारी बेनेट ने अमेरिकी अखबार से साझा की। खाड़ी में अमेरिकी हितसंबंधों को नुकसान पहुंचा रहे ईरान को सबक दे - अमेरिका के सिनेटर लिंडसे ग्राहम की मांगइसके बावजूद ईरान ने प्रत्यक्ष इस्रायल पर सीधा हमला करना टाल दिया था, इसपर पूर्व प्रधानमंत्री बेनेट ध्यान खींच रहे हैं।

कुछ हफ्ते पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अपने कार्यकाल में ईरान के कुदस्‌ फोर्सेस के प्रमुख मेजर जनरल कासेम सुलेमानी को ढ़ेर करने के बाद ईरान ने बयान की हुई प्रतिक्रिया सार्वजनिक की थी। अपनी प्रचार सभा में ट्रम्प ने यह भी कहा था कि, कुछ भी हो ईरान सीधे अमेरिका से युद्ध नहीं करेगा। क्यों कि, सुलेमानी को मार गिराने के बाद ईरान ने यह बिनती की थी कि, ‘हम इराक में स्थित आपके सैन्य अड्डे के करीब हमले करेंगे, लेकिन आपका नुकसान नहीं होने देंगे, आप परेशान न हो।’ इसकी जानकारी भी ट्रम्प ने अपने दावे से साझा की थी। ऐसा न करने पर ईरान की जनता का हुकूमत पर बड़ा दबाव बनेगा, ऐसा कहकर ईरान की हुकूमत हमारे सामने गिड़गिड़ाई थी, इसकी जानकारी देकर ईरान की धमकियां खोखली होती हैं, ऐसी फटकार भी ट्रम्प ने लगाई थी।

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