लीबिया में हुए भीषण संघर्ष में १०० से अधिक लोगों की मौत

पांच लाख से अधिक बच्चों का भविष्य संकट में होने का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

त्रिपोली – लीबिया की राजधानी त्रिपोली में चल रहे भीषण संघर्ष में १०० से अधिक लोगों की मौत हुई है और लगभग ४०० लोग घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ से समर्थन मिले सरकार के समर्थक और अन्य बागी समूहों के बीच यह संघर्ष शुरू है और पिछले कुछ दिनों में संघर्ष अधिक तीव्र हुआ है। इस संघर्ष में त्रिपोली के लगभग पांच लाख बच्चों का भविष्य संकट में आने का डर संयुक्त राष्ट्रसंघ के ‘यूनिसेफ’ ने व्यक्त किया है।

लीबिया में पिछले महीने से त्रिपोली और नजदीकी शहरों में भीषण संघर्ष शुरू है। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने मान्यता दी सरकार का त्रिपोली पर कब्ज़ा होते हुए भी देश के अन्य इलाकों में बागी संगठनों का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी दौरान लीबियन लष्कर, सरकार को समर्थन देने वाले बागी समूह और विरोधी बागी संगठनों के बीच लगातार संघर्ष हो रहा है। लीबिया के अन्य इलाकों के बागी समूहों को त्रिपोली में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने स्थापन की हुई सरकार मान्य नहीं है और उसके लिए राजधानी कब्जे में लेने की कोशिश शुरू है।

त्रिपोली का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और ‘नेशनल आयल कारपोरेशन के मुख्यालयों के साथ साथ जेलों को भी हमले में लक्ष्य बनाया गया है। इस महीने की शुरुआत में त्रिपोली के जेल पर हुए हमलों में लीबिया के भूतपूर्व तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी के सैंकड़ों समर्थक कैदियों ने पलायन किया था। उसके बाद त्रिपोली में इमर्जन्सी लगाई गई थी। इस घोषणा के बाद भी त्रिपोली और नजदीकी परिसर में संघर्ष अधिक तीव्र हुआ है।

पिछले महीने से शुरू हुए संघर्ष के लिये ‘तारहौना’ शहर के ‘द सेवेंथ ब्रिगेड’ इस बागी समूह ने किए हमले वजह बनी हैं। इस गुट से त्रिपोली के दक्षिण इलाके में मॉर्टर्स और रॉकेट हमले शुरू हैं और नगरी बस्तियों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। लगातार चल रहे इस संघर्ष की वजह से त्रिपोली के २५००० से अधिक नागरिकों को स्थानांतरित होना पड़ा है। उसी समय त्रिपोली के लगभग पांच लाख बच्चों का भविष्य संकट में होने का दावा ‘संयुक्त राष्ट्रसंघ के यूनिसेफ’ समूह ने किया है।

सन २०११ में शुरू हुए अरब स्प्रिंग आन्दोलन के दौरान पश्चिमी देशों ने लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी की सत्ता गिराई थी। उसके बाद लीबिया में सरकार और स्थिरता स्थापन करने की अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की कोशिश पूरी तरह से असफल साबित हुई है। इस असफलता की वजह से लीबिया के हजारों नागरिकों की मौत हुई है और दो लाख से अधिक नागरिकों पर स्थानांतरित होने की बारी आई है।

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