रशिया-यूक्रैन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका और ब्रिटेन में भड़की महंगाई

वॉशिंग्टन/लंदन – रशियन अर्थव्यवस्था को लक्ष्य करके रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन को सबक सिखाने का इशारा अमरीका और ब्रिटेन के नेतृत्व ने दिया था| लेकिन रशिया पर लगाए गए सख्त प्रतिबंधों का सबसे ज्यादा असर अमरीका-ब्रिटेन के अलावा पश्‍चिमी देशों की जनता को भुगतना पड़ रहा है| अमरीका और ब्रिटेन में महंगाई का विस्फोट हुआ है| अमरीका में दर्ज़ हुआ महंगाई निदेशांक पिछले चार दशकों के विक्रमी स्तर पर है और ब्रिटेन में महंगाई पिछले ३० सालों के सबसे उपरी स्तर पर पहुँची है|

रशिया-यूक्रैन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका और ब्रिटेन में भड़की महंगाईमार्च में अमरीका का महंगाई निदेशांक ८.५ प्रतिशत पर पहुँचा है| यह साल १९८१ के बाद की सबसे बढ़ी बढ़ोतरी है| ईंधन, घर, ऊर्जा, वस्त्र, अनाज, सब्जी एवं सभी अन्य ज़रूरी सामान की कीमतों में भारी और विक्रमी बढ़ोतरी हुई है| ईंधन की कीमत ४९ प्रतिशत बढ़ी है और बिजली के बिलों में ३२ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है| घरों की कीमतें २० प्रतिशत और घरों के भाड़े में ४.४ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है| अमरीका के बायडेन प्रशासन ने इस विक्रमी महंगाई के लिए रशिया के यूक्रैन पर हमलों को ज़िम्मेदार बताया है|

लेकिन, विपक्ष रिपब्लिकन पार्टी ने बायडेन प्रशासन की गलत नीति की वजह से अमरिकी जनता महंगाई से झुलस रही है, यह आरोप लगाया| रशिया-यूक्रैन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका और ब्रिटेन में भड़की महंगाई‘डेमोक्रैट पार्टी का फिजूल खर्च और नाकाम नीति की वजह से अमरिकी जनता तबाह हुई है| लेकिन, बायडेन प्रशासन को इसकी जरा भी परवाह ना होने की बात दिख रही है| कीमतों में बढ़ोतरी के अलावा वेतन कम हुए हैं| अमरीका के परिवारों के साथ छोटे उद्यमियों को बायडेन ने नज़रअंदाज किया है| लेकिन, मतदाता इसे बारिकी से देख रहा है| यह मतदाता नवंबर में उचित संदेश देगा’, ऐसा इशारा रिपब्लिकन नेता रॉना मैकडैनियल ने दिया|

अमरीका के अलावा ब्रिटेन में भी महंगाई का विस्फोट हुआ है| रशिया-यूक्रैन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका और ब्रिटेन में भड़की महंगाईब्रिटेन की महंगाई पिछले तीन दशकों के उच्चतम तर पर पहुँची है| मार्च में ब्रिटेन का महंगाई निदेशांक ७ प्रतिशत तक पहुँचा था| साल १९९२ के बाद यह सबसे बड़ी बढ़ोतरी है| ईंधन की कीमतों में सबसे ज्यादा यानी ३० प्रतिशत बढ़ोतरी हुई हैं और ज़रूरी सामान की कीमतें मात्र एक महीने में ५ से १० प्रतिशत बढ़ी हैं| मार्च में ब्रिटेन के जीडीपी में मात्र ०.१ प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज़ हुई|

ब्रिटेन के इन नए आँकड़ों के बाद देश की अर्थव्यवस्था मंदी की दिशा में बढ़ रही है, ऐसे अनुमान भी कुछ विश्‍लेषकों ने लगाए हैं| साल २०२२ में वैश्‍विक अर्थव्यवस्था के कर्ज़ का भार ३०० ट्रिलियन डॉलर्स तक पहुँचा है और यह बात आर्थिक मंदी की वजह बनेगी, ऐसी चेतावनी वित्तसंस्था एवं विशेषज्ञों ने दी है|

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