हौथी विद्रोहियों ने अब ईरान जा रहे जहाज पर किए हमले

दुबई/सना – ‘रेड सी’ से पीछे हटे और येमन की घेराबंदी करने से दूर रहें। नहीं तो अगले परिणामों के लिए तैयार रहें’, ऐसा हौथी विद्रोहियों ने धमकाया है। ब्रिटेन का युद्ध पोत तकनीकी वजहों से इस क्षेत्र से वापस लौटने के बाद हौथी विद्रोहियों ने यह इशारा दिया। इसके कुछ ही घंटे बाद हौथी ने ‘रेड सी’ से ईरान जा रहे ‘स्टार आइरिस’ नामक व्यापारिक जहाज पर मिसाइल हमले किए। ईरान हौथी विद्रोहियों का पुख्ता समर्थक हैं और ईरान ने हौथी को सैन्य सहायता प्रदान करने का दावा किया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर हौथी के इस हमले को बड़े आश्चर्य से देखा जा रहा है।

‘रेड सी’ के क्षेत्र में अमेरिका का साथ देकर हौथी विद्रोहियों के हमलों पर बीते महीने से प्रत्युत्तर देने के बाद ब्रिटेन का ‘एचएमएस डाइमंड’ युद्धपोत वापस लौट गया। हौथी के हमलों के कारण ब्रिटिश युद्धपोत के लिए शीघ्रता से दुरुस्ती की आवश्यकता निर्माण हुई। हौथी विद्रोहियों ने अब ईरान जा रहे जहाज पर किए हमलेइस वजह से यह युद्धपोत अस्थायी समय के लिए स्वदेश रवाना होने की जानकारी सामने आ रही है। ब्रिटिश युद्धपोत की वापसी यानी हमारी जीत होने का ऐलान हौथी ने किया है। साथ ही अमेरिका सहित अन्य देशों के युद्धपोत भी वापस लौट जाए, ऐसा इशारा इन विद्रोहियों ने दिया है। ब्रिटिश युद्धपोत की वापसी के बाद यह दावा भी किया जा रहा है कि, अमेरिका ने भी हौथी पर कार्रवाई नहीं की है।

हौथी विद्रोहियों ने सोमवार को रेड सी के क्षेत्र में दो मिसाइल दागे। इस हमले में हौथी ने ग्रीक कंपनी द्वारा चलाए जा रहे मार्शल आयलैण्डस के जहाज को लक्ष्य किया। इस जहाज पर मका भरा था और वह ब्राज़ील से निकलकर ईरान के ‘खोमेनी’ बंदरगाह पहुंचने के लिए निकला था। इसी जहाज पर हौथी ने मिसाइल हमला किया। इस हमले में जहाज का नुकसान होने की जानकारी सामने आ रही है। इस हमले पर ईरान या येमन के विद्रोहियों ने प्रतिक्रिया दर्ज नहीं की है। लेकिन, ईरान के लिए सफर कर रहे जहाज पर हौथी ने हमला करने पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।

हौथी विद्रोहियों ने अब ईरान जा रहे जहाज पर किए हमलेयेमन के हौथी विद्रोहियों का ईरान एक बड़ा समर्थक है। पिछले दशक में भड़के ‘अरब स्प्रिंग’ के आंदोलन में हौथी ने येमन की अली अब्दुल्लाह सालेह की हुकूमत के विरोध में शुरू किए प्रदर्शनों को ईरान ने समर्थन दिया था। वर्ष २०१५ में सालेह की हुकूमत के विरोध में विद्रोह करने के लिए ईरान ने हौथी को सैन्य सहायता मुहैया की थी। ईरान के बनाए मिसाइल, ड्रोन और अन्य हथियारों से हौथी लैस होने के सबूत बरामद हुए थे।

हौथी के लिए हथियारों की तस्करी कर रहे ईरान के जहाज अमेरिकी नौसेना ने अपनी हिरासत में लिए थे। ऐसे में दो महीने पहले गाजा की हमास के समर्थन में हौथी ने रेड सी की घेराबंदी करने के लिए भी ईरान ने समर्थन दिया है। रेड सी में पश्चिमी देशों के जहाजों पर नज़र रखने के लिए ईरान ने येमन के समुद्री क्षेत्र में जासूसी करने के लिए अपना जहाज तैनात किया था। ऐसे में हौथी विद्रोहियों ने ईरान के लिए सफर पर निकले जहाज पर हमला करने के कारण अलग ही संकेत प्राप्त होने लगे हैं। हौथी विद्रोही हमारे नियंत्रण में नहीं हैं, यही दर्शाने के लिए ईरान ने ही यह हमला करवाया होगा, या हौथी विद्रोही और ईरान के बीच सच में दरार निर्माण हुई है, ऐसी चर्चा भी इस हमले के साथ माध्यमों में शुरू हुई हैं।

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