परमाणु हमले के लिए अंतर्महाद्वीपीय क्षेपणास्त्र उपलब्ध ना होने पर, अमरीका को परमाणु-अस्त्र-सिद्ध बॉम्बर्स तैयार रखने पड़ेंगे – स्ट्रॅटकॉम के प्रमुख की चेतावनी

वॉशिंग्टन – अगर अमरीका के अंतर्महाद्वीपीय क्षेपणास्त्र (आयसीबीएम) उपलब्ध ना हों, तो परमाणु हमले के आदेश पर फौरन अमल करने के लिए परमाणु-अस्त्र-सिद्ध बॉम्बर्स विमान हमेशा सुसज्जित रखने पड़ेंगे, ऐसी चेतावनी अमरीका के स्ट्रॅटकॉम प्रमुख ने दी है। अमरीका के ‘ग्राऊंड बेस स्ट्रॅटेजिक डिटरंन्स-जीबीएसडी’ के लिए भारी मात्रा में खर्चे का प्रावधान किया गया है। क्या इस खर्चे की आवश्यकता है? ऐसा सवाल कुछ सांसदों ने किया था। उसके जवाब में अमरीका के स्ट्रॅटकॉम के प्रमुख ऍडमिरल चार्ल्स रिचर्ड ने, रशिया और चीन की परमाणु-अस्त्र-सिद्धता की जानकारी देकर, उससे अमरीका को संभव होनेवाले खतरों का एहसास करा दिया।

nuclear-war-missiles-us‘जीबीएसडी’ के लिए यानी अमरीका के परमाणु अस्त्रों के विकास और संशोधन के लिए लगभग ८५ अरब डॉलर्स की निधि आवश्यक है। यह खर्च आवश्यक ना होने का सूर, अमरीका के कुछ सांसदों ने अलापा है। साथ ही, आनेवाले समय में इस कार्यक्रम के लिए और अरबों डॉलर की निधि की आवश्यकता हो सकती है, इसपर ये सांसद ऊँगली रख रहे हैं। लेकिन अमरीका की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक बात है, ऐसा स्ट्रॅटकॉम के प्रमुख ने डटकर कहा। खासकर रशिया जैसे देश के पास पनडुब्बी, हवाई और क्षेपणास्त्रों के मार्ग से परमाणु हमले करने का सामर्थ्य है और चीन भी इस मोरचे पर प्रगति कर रहा है, इस पर ऍडमिरल रिचर्ड ने गौर फरमाया। यह देश अपना परमाणु सामर्थ्य बढ़ा रहे होते समय, अमरीका अपने सामर्थ्य में कटौती करने का आत्मघाती निर्णय नहीं ले सकती और जीबीएसडी के लिए आवश्यक खर्च करना ही पड़ेगा, ऐसा दावा ऍडमिरल रिचर्ड ने किया।

यदि यह खर्च मंजूर नहीं होगा और ‘आयसीबीएम’ यानी अंतर्महाद्वीपीय क्षेपणास्त्र परमाणु हमले के लिए उपलब्ध नहीं होंगे, तो बहुत बड़ा जोखिम उठाना पड़ेगा। ऐसे हालातों में हमें परमाणु हमला करने के लिए बॉम्बर विमाने सदैव सुसज्जित रखने पड़ेंगे, ऐसा ऍडमिरल रिचर्ड ने जताया। इसके बिना, परमाणु हमले के आदेशों पर अमल नहीं किया जा सकता, ऐसी चेतावनी ऍडमिरल रिचर्ड ने दी।

nuclear-war-missiles-usसाथ ही, परमाणु हमले के लिए बॉम्बर्स तैयार रखना, इसका अर्थ यह है कि पिछले दशकों में इस्तेमाल की जानेवाली प्रक्रिया पुनः शुरू करना। शीत युद्ध के दौर की व्यवस्था का इस्तेमाल करके, आधुनिक समय में संघर्ष नहीं किया जा सकता, ऐसे कठिन शब्दों में ऍडमिरल रिचर्ड ने ‘जीबीएसडी’ पर सवाल उठानेवालों को प्रत्युत्तर दिया। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरीका की युद्धसिद्धता बढ़ानेवाले आक्रामक से फैसले करके उसके लिए आवश्यक आर्थिक प्रावधान भी किया था। उनके बाद सत्ता में आए बायडेन का प्रशासन ट्रम्प से अलग फैसला करेगा, ऐसी अमरीका के कुछ सांसदों को उम्मीद थी। लेकिन बायडेन प्रशासन ने रक्षा पर खर्च कम नहीं किया है।

ऐसी परिस्थिति में जीबीएसडी पर होनेवाले खर्चे पर कुछ सांसद प्रश्न उपस्थित कर रहे हैं। अमरीका के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा उसका कड़ा विरोध किया जा रहा होकर, वर्तमान दौर में अमरीका को होनेवाला खतरा भारी मात्रा में बढ़ा है, इसका एहसास अमरिकी रक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारी करा दे रहे हैं। आनेवाले समय में, अमरीका पहले कभी लड़ी नहीं होगी, ऐसे युद्ध का सामना अमरीका को करना पड़ेगा और उसकी तैयारी करने के लिए अत्याधुनिक तंत्रज्ञान और संशोधन इसपर आवश्यक खर्च करना ही पड़ेगा, ऐसा अमरिकी रक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारी लगातार जता रहे हैं।

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