विश्व में परमाणु हथियारों में बड़ी बढ़ोतरी – सिप्री की रपट का दावा

स्टॉकहोम – अमरिका और सोवियत रशिया का शीतयुद्ध खत्म होने के बाद विश्वभर में परमाणु हथियारों की संख्या में कटौती शुरू हुई थी। लेकिन, पिछले कुछ महीनों से संपूर्ण विश्व में परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाने का चिंताजनक झुकाव शुरू हुआ है। इस वजह से विश्वभर में नए संघर्ष शुरू होने की चेतावनी ‘स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इन्स्टीट्यूट’ (सिप्री) ने दी। इसी बीच रशिया विरोधि युद्ध में यूक्रेन को परमाणु हथियारों से सज्जित करने की भाषा यूरोपिय देश बोलने लगे हैं। ऐसे दौर में सिप्री की यह रपट सार्वजनिक हुई है।

सिप्रीफिलहाल नौं देश परमाणु हथियारों से सज्जित हैं। इनमें से रशिया (५,९७७) और अमरीका ‘५,४२८’ दोनों देशों के बेड़े में विश्व का लगभग ९० प्रतिशत परमाणु भंड़ार मौजूद है। इसके अलावा शेष १० प्रतिशत परमाणु हथियारों का भंड़ार ब्रिटेन, फ्रान्स, चीन, भारत, पाकिस्तान, इस्रायल और उत्तर कोरिया में है। इनमें से रशिया और अमरीका ने शीतयुद्ध के बाद ‘स्टार्ट’ समझौते के तहत अपने परमाणु हथियारों की संख्या में कटौती की थी, इसकी याद सिप्री ने दिलायी।

लेकिन, पिछले कुछ दशकों से परमाणु हथियारों की संख्या में कटौती में जल्द ही विपरीत झुकाव दिखाई देगा। यानी की आनेवाले दशक में परमाणु हथियारों की संख्या में लक्षणीय बढ़ोतरी होती हुई दिखाई देगी, ऐसी चेतावनी सिप्री ने अपने सालाना रपट द्वारा दी है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के स्थायी सदस्य अमरीका, रशिया, चीन, फ्रान्स और ब्रिटेन ने इस साल के शुरू में परमाणु हथियारों की संख्या सीमित रखने का ऐलान किया था। लेकिन, यह पांचों देश अपने परमाणु हथियारों की संख्या में बढ़ोतरी या उनका आधुनिकीकरण कर रहे हैं, ऐसी जानकारी सिप्री ने साझा की।

सिप्रीपिछले कुछ सालों में परमाणु हथियारों के प्रसार पर रोक और परमाणु निशस्त्रीकरण के माध्यम से परमाणु हथियारों की संख्या कम करने में सफलता प्राप्त हुई थी। लेकिन, शीतयुद्ध के बाद पहली बार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का खतरा कई गुना बढ़ा है’, ऐसी चेतावनी सिप्री के संचालक डैन स्मिथ ने दी। चीन, उत्तर कोरिया, भारत और पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों के निर्माण एवं उसके आधुनिकीकरण की गति बढ़ाने का दावा सिप्री ने किया।

चीन अपने परमाणु हथियारों की क्षमता और भंड़ारण में बड़ी बढ़ोतरी कर रहा है, ऐसा दावा सिप्री ने इस रपट में किया है। इन परमाणु हथियारों के लिए चीन ने ‘सायलोज्‌’ यानी धरतीतले सुरंग बनाकर हवाबंद भंड़ार तैयार करने के सैटेलाईट फोटो और खबरें प्राप्त हुई थीं, इस ओर सिप्री ने ध्यान आकर्षित किया गया है। चीन की तरह उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों की संख्या को लेकर और वहां की तानाशाही हुकूमत के इरादों को लेकर सिप्री ने तीव्र चिंता जतायी।

इसी बीच, रशिया और यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले की गतिविधियों का अध्ययन करके सिप्री ने यह रपट तैयार की है। लेकिन, यूरोपिय देश यूक्रेन को परमाणु हथियार प्रदान करने का ऐलान कर रहे हैं और इसी बीच सिप्री ने परमाणु हथियारों के भंड़ार बढ़ने के मुद्दे पर दिया इशारा अहमियत रखता है।

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