पिछले आर्थिक साल में भारत ने ८.७ प्रतिशत विकास दर पाया

नई दिल्ली – भारतीय अर्थव्यवस्था २०२१-२२ के आर्थिक वर्ष में ८.७ प्रतिशत विकास दर के साथ आगे बढ़ी। कोरोना की महामारी के कारण २०२१-२२ के आर्थिक साल में भारतीय अर्थव्यवस्था की ६.६ प्रतिशत गिरावट हुई थी। इसके बाद के आर्थिक वर्ष में अर्थव्यवस्था का यह प्रदर्शन सराहनीय है। २०२१-२२ की चौथी तिमाहि में भारतीय अर्थव्यवस्था पर यूक्रेन युद्ध का असर होने की बात भी सामने आयी है। 

विकास दरप्रमुख देशों की अर्थव्यवस्थाओं में भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन सबसे बेहतर है और सबसे ज्यादा विकासदर से भारत प्रगति की राह पर होने की बात सामने आ रही है। खास तौर पर कोरोना की महामारी के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा था और इस पृष्ठभूमि पर चिंता जतायी जा रही थी। लेकिन, अगले आर्थिक साल में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन संतोषजनक होने के दावे किए जा रहे हैं। ८.७ प्रतिशत विकास दर से प्राप्त हुई प्रगति अन्य देशों के प्रदर्शन की तुलना में सकारात्मक है, ऐसा कहा जा रहा है।

पिछले आर्थिक साल के चौथी और आखिरी तिमाहि पर यूक्रेन युद्ध का प्रभाव पड़ा। इस वजह से ईंधन की कीमतों में आया हुआ उछाल और इससे बढी महंगाई का असर इस तिमाहि पर पड़ा। तथा विश्व के कुछ देशों में कोरोना की तीसरी लहर का भी प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ा था। इस वजह से चौथी तिमाहि का विकासदर प्रभावित हुआ। लेकिन, अगले समय में मर्यादा के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक दमदार प्रदर्शन करेगी, यह विश्वास व्यक्त किया जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति विश्वास जताया है। साथ ही भारतीय आर्थिक विशेषज्ञ भी अर्थव्यवस्था का बेहतर प्रदर्शन होगा, ऐसे दावे कर रहे हैं। विदेशी निवेशक बड़े पैमाने पर भारत से निवेश हटा रहे है, ऐसी खबरें सामने आ रही हैं। लेकिन, नया निवेश देश में आना जारी होने की बात पिछले कुछ दिनों से प्राप्त आँकड़ों से स्पष्ट हुई है।

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