राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बने चीन के और ५४ ‘ऐप्स’ पर भारत की पाबंदी

नई दिल्ली – राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो रहें चीन के और ५४ ‘ऐप्स’ पर पाबंदी लगाने की सिफारीश केंद्रीय गृह मंत्रालय ने की है। जल्द ही इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय इसपर निर्णय करके संबंधित अध्यादेश जारी करेगा। वरिष्ठ अफसरों ने यह जानकारी साझा की है। भारत ने इससे पहले चीन के करीबन २६७ ‘ऐप्स’ पर पाबंदी लगाने का निर्णय किया था। गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के हुए संघर्ष के बाद किए गए इस निर्णय पर चीन की प्रतिक्रिया प्राप्त हुई थी।

५४ ‘ऐप्स’डाटा का गलत इस्तेमाल और इसका जासूसी के लिए इस्तेमाल होने जैसें गंभीर आरोप इन ५४ चीनी ‘ऐप्स’ पर लगाए गए हैं। यह बात राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए घातक है, ऐसा कहकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इनपर पाबंदी लगाने की सिफारीश की। इसपर आखिरी निर्णय इलेक्ट्रॉन्किस एवं सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय करेगा। जल्द ही इसका अध्यादेश जारी किया जाएगा, यह जानकारी वरिष्ठ अफसरों ने साझा की। ‘एलएसी’ की स्थिति की वजह से भारत और चीन के संबंधों में तनाव निर्माण हुआ है। ऐसी स्थिति में भारत ने यह निर्णय करके चीन को और एक चेतावनी दी हुई दिख रही है।

इन ५४ ‘ऐप्स’ में संगीत से संबंधित एवं सेल्फी कैमेरा, गेमिंग और वीडियो चैट के लिए इस्तेमाल हो रहें ऐप्स का समावेश होने की बात कही जा रही है। इससे पहले पाबंदी लगाए गए चिनी ऐप्स पर भी, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए घातक साबित होनेवाली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। यह ५४ ऐप्स भी उसी धर्ती पर काम करने की बात सामने आ रही है।

२०२० में गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के हुए संघर्ष के बाद, भारत सरकार ने चीन के ऐप्स पर पाबंदी लगाने का आक्रामक निर्णय किया था। इससे चीन को काफी बड़ा झटका लगा और इसपर चीन की तीव्र प्रतिक्रिया भी प्राप्त हुई थी। इन ऐप्स की वजह से भारत की सुरक्षा के लिए खतरा होने का आरोप चीन ने ठुकराया था। साथ ही, सीमा विवाद का असर भारत द्विपक्षीय व्यापारी सहयोग पर होने ना दें, यह उम्मीद भी चीन ने व्यक्त की थी। लेकिन, भारत ने ड़टकर इस मुद्दे पर चीन का दबाव ठुकराया था। इसके बाद अमरीका, कनाड़ा, ऑस्ट्रेलिया एवं अन्य कई देशों ने चीन के आयटी क्षेत्र की कंपनियों पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे। इसकी शुरूआत भारत ने कराई थी, ऐसे दावे किए जा रहे हैं।

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