भारत-ईयू ‘ट्रेड ऍण्ड टेक्नॉलॉजी काऊन्सिल’ का गठन होगा

नई दिल्ली – भारत और यूरोपिय महासंघ का व्यापार और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के सहयोग के लिए स्वतंत्र काऊन्सिल गठित करने पर सहमति हुई है| भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपियन कमिशन की प्रमुख उर्सुला वॉन देर लेयन की हुई मुलाकात में इस काऊन्सिल को मंजूरी प्रदान हुई| इस दौरान कमिशन की प्रमुख लेयन ने यह गवाही दी कि, आनेवाले दशक में महासंघ के लिए भारत से भागीदारी प्राथमिकता का मुद्दा होगा| महासंघ ने भारत को रक्षा क्षेत्र की तकनीक प्रदान करने का भी प्रस्ताव देने का भी वृत्त है|

भारत ने इस तरह से अपने भागीदार देशों के साथ व्यापार और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्वतंत्र यंत्रणा गठित करने का यह पहला ही अवसर है| इसी बीच, यूरोपिय महासंघ ने इससे पहले सीर्फ अमरीका के साथ ही स्वतंत्र ‘ट्रेड ऍण्ड टेक्नॉलॉजी काऊन्सिल’ का गठन किया है| अमरीका और यूरोप ने काऊन्सिल गठित करने के पीछे चीन का व्यापार एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बढ़ता वर्चस्व और महत्वाकांक्षा को रोकने का उद्देश्य हैं, ऐसा कहा जा रहा था|

चीन यह यूरोपिय महासंघ का सबसे बड़ा व्यापारी भागीदार देश हैं| लेकिन, इसके बावजूद पिछले कुछ सालों में इन दो भागीदारों के संबंधों में विभिन्न मुद्दों को लेकर तनाव निर्माण हुआ हैं|

ताइवान से सहयोग करने का निर्णय यूरोपिय महासंघ के कुछ छोटे देशों ने किया था| इसपर चीन ने इन देशों को धमकाने का सत्र शुरू किया था| साथ ही हॉंगकॉंग में जनतांत्रिक प्रदर्शनों को कुचलते हुए चीन ने दमन का इस्तेमाल किया था| इसपर आपत्ति जता रहें यूरोपिय देशों को भी चीन ने फटकार लगायी थी और आर्थिक प्रतिबंधों का प्रहार किया था| इस वजह से चीन और यूरोपिय महासंघ के मतभेद तीव्र हुए थे|

इस वजह से महासंघ के साथ चीन की व्यापारी चर्चा रद करनी पड़ी थी| बिल्कुल इसी दौरान यूरोपिय महासंघ और भारत के बीच मुक्त व्यापारी समझौते पर चर्चा शुरू हुई थी| यह महज संजोग नहीं बल्कि यूरोपिय महासंघ की नीति में हुआ बड़ा बदलाव हैं, ऐसें दावे कुछ आर्थिक विशेषज्ञों ने किए थे| महासंघ और भारत के इस सहयोग को आकार प्राप्त हो रहा है और ‘ट्रेड ऍण्ड टेक्नॉलॉजी काऊन्सिल’ के गठन पर हुई सहमति इसी का हिस्सा हिस्सा होने की बात दिख रही है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.