भारत-सौदी का रणनीतिक सहयोग स्थिरता और विकास की गारंटी देता है – विदेशमंत्री एस.जयशंकर

रियाध – ‘भारत और सौदी का रणनीतिक सहयोग यानी एक-दूसरे का विस्तार, समृद्धि, स्थिरता, सुरक्षा और विकास की गारंटी देनेवाला मुद्दा है’, ऐसा विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने कहा। जयशंकर सौदी अरब के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान भारतीय विदेशमंत्री ने ‘गल्फ को-ऑपरेशन कौन्सिल’ (जीसीसी) खाड़ी क्षेत्र के छह प्रमुख देशों की संगठना के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसमें दोनों ओर सहयोग बढ़ाने से संबंधित प्लैन का समावेश होने की बात कही जा रही है।

विकास की गारंटीसौदी अरब की राजधानी रियाध में ‘प्रिन्स सौद अल फैजल इन्स्टीट्यूट ऑफ डिप्लोमैटिक स्टडीज्‌‍’ में विदेशमंत्री जयशंकर का व्याख्यान आयोजित किया गया था। इस दौरात बोलते हुए पूरा विश्व एक निर्णायक मोड़ पर है और ऐसे में भारत और सौदी अरब के रणनीतिक सहयोग को काफी बड़ी अहमियत प्राप्त हुई है, इन शब्दों में जयशंकर ने दोनों देशों के सहयोग की अहमियत रेखांकित की। साथ ही यूक्रेन युद्ध के कारण निर्माण हुई समस्याओं की पृष्ठभूमि पर भी भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे अधिक तेज़ी से प्रगति कर रही है, इस बात पर जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया।

इस सभी चुनौतियों के बावजूद अगले वित्तीय साल में भारत कम से कम सात प्रतिशत विकासदर प्राप्त करेगा, यह विश्वास जयशंकर ने व्यक्त किया। इसके लिए भारत सरकार विशेष कोशिश कर रही है, इसका जयशंकर ने तीव्रता से ज़िक्र किया। इसी बीच विदेशमंत्री जयशंकर की सौदी यात्रा के दौरान भारत और जीसीसी ने अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ‘जीसीसी’ में सौदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात ‘यूएई’ बहरीन, कुवैत, ओमान और कतार जैसे छह देशों का समावेश है। यह ईंधन का निर्यात करनेवाले खाड़ी के प्रमुख देश हैं। इन देशों से ही भारत ईंधन का आयात करता है। लेकिन, खाड़ी क्षेत्र में कार्यरत भारतीय नागरिकों की संख्या ६५ लाख है। इनमें से अधिकांश भारतीय जीसीसी के सदस्य छह देशों में ही काम कर रहे हैं।

इस वजह से जीसीसी के साथ सहयोग भारत की अर्थव्यवस्था को आधार देनेवाली काफी बड़ी बात है। साल २०२०-२१ के वित्तीय वर्ष में भारत से जीसीसी देशों को तकरीबन २८ अरब डॉलर्स का निर्यात किया गया था। इसी दौरान जीसीसी देशों के साथ भारत का व्यापार ८७.३६ अरब डॉलर्स तक पहुँचा था। अगले दिनों में इसकी अधिक बढ़ोतरी होने की संभावना है। खास तौर पर वैश्विक स्तर पर काफी बड़ी उथल-पुथल जारी है और इस बीच भारत के सौदी एवं खाड़ी के अन्य देशों के साथ यह सहयोग ध्यान आकर्षित करता है।

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