यूक्रैन युद्ध की पृष्ठभूमि पर चीन के हमले का खतरा बढ़ने से ताइवान ने दिए अनिवार्य सैन्य सेवा की अवधि बढ़ाने के संकेत

ताईपे/बीजिंग – रशिया के यूक्रैन पर हमले की पृष्ठभूमि पर चीन द्वारा ताइवान पर हमला करने की संभावना का इशारा माध्यम और विश्‍लेषक लगातार दे रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर ताइवान ने अपनी रक्षा क्षमता अधिक मज़बूत करने के लिए ज़रूरी कदम उठाए हैं और अनिवार्य सैन्य सेवा की अवधि बढ़ाने के संकेत दिए हैं| ताइवान के रक्षामंत्री चिउ कुओ-चेंग ने यह जानकारी साझा की| इसी बीच, मंगलावर को ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिन्ज़ो ऐबे के साथ वीडियो कान्फरन्सिंग के माध्यम से चर्चा होने का वृत्त है|

ukraine-china-taiwan-threat-1पिछले कुछ महीनों से चीन ने ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में अपनी हरकतें अधिक आक्रामक की हैं| ताइवान के खिलाफ लगातार युद्धाभ्यास का आयोजन किया जा रहा है और आग्नेय एशियाई देशों को भी धमकाया जा रहा है| चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के साथ कई वरिष्ठ नेता और सैन्य अधिकारी बार-बार ताइवान के विलयन का मुद्दा उठाकर आक्रामक बयान कर रहे हैं| साथ ही चीन ने ताइवान के खिलाफ ‘ग्रे ज़ोन वॉर अफेयर’ का दायरा भी बढ़ाया है|

रशिया के यूक्रैन पर हमले के बाद चीन भी ताइवान के प्रति ऐसे ही कदम उठा सकता है, ऐसा ड़र व्यक्त किया जा रहा है| चीन की आक्रामक गतिविधियों की वजह से इसमें अधिक बढ़ोतरी हुई है| इस पृष्ठभूमि पर ताइवान अपनी रक्षा क्षमता बढ़ाने के लिए कदम उठाने लगा है| देश के नागरिकों के लिए अनिवार्य सैन्य सेवा इसी का एक हिस्सा है| फिलहाल ऐसी सेवा की अवधि चार महीनों की है| इससे पहले यह अवधि दो साल की थी| लेकिन, युवाओं को खुश करने के लिए सरकार ने यह अवधि घटाने का निर्णय किया था|

चीन के बढ़ते खतरे की वजह से इसमें फिर से बदलाव करने की तैयारी शुरू हुई है| राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन ने सैन्य सुधारों के लिए पहल की है और इसमें इस अवधि को बढ़ाने के मुद्दे का समावेश है| ताइवान की सरकार ने इसके लिए एक समिती का भी गठन किया है और इस समिती की रपट के बाद सैन्य सेवा की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया जाएगा, ऐसा रक्षामंत्रि चिउ कुओ-चेंग ने स्पष्ट किया|

इसी बीच, ताइवान की राष्ट्राध्यक्ष त्साई ईंग-वेन और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिन्ज़ो ऐबे की वीडियो कान्फरन्स से चर्चा होने की बात सामने आयी है| आधा घंटा चली इस चर्चा के दौरान जापान और ताइवान का सहयोग एवं इंडो-पैसिफिक के मुद्दे पर बातचीत होने की जानकारी ताइवान के सूत्रों ने साझा की| इसी बीच जापान के पूर्व प्रधानमंत्री ने जल्द से जल्द ताइवान का दौरा करने के संकेत भी दिए है| ऐबे और ताइवान के राष्ट्राध्यक्ष की इस चर्चा को लेकर चीन ने नाराज़गी व्यक्त की है और जापान के नेता ताइवान के आज़ादी का विचार अपनानेवाले गुटों से हाथ ना मिलाएँ, यह इशारा चीन के विदेश मंत्रालय ने दिया है| 

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