तैवान की खाडी में अमरिकी युद्धपोतों की घुसपैठ बर्दाश्त नही होगी – चीन के विदेश मंत्रालय का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग – इंडो-पेसिफिक क्षेत्र में समुद्री यातायात की आजादी और तैवान के साथ सहयोग के मुद्दे पर अमरिका और चीन के बिच तनाव बढ रहा है| जापान में तैनात अमरिका के सातवें आरमार के युद्धपोतों ने दो दिन पहले तैवान के खाडी में गश्त की थी| यह अपनी रोजमर्रा की गश्त होने का दावा अमरिका ने किया था| लेकिन, अमरिकी युद्धपोतों की तैवान के खाडी में घुसपैठ करना जरा भी बर्दाश्त नही किया जाएगा, यह इशारा चीन ने दिया है|

अमरिकी नौसेना की युद्धपोत ‘यूएसएस स्टेथेम’ और हथियारों के जखीरे की यातायात करनेवाली ‘सेजर चावेज’ इस पोत ने सोमवार और मंगलवार ऐसे लगातार दो दिन तैवान की खाडी में गश्त की| अंतरराष्ट्रीय नियमों के दायरे में रहकर अपने इन दोनों युद्धपोतों ने गश्त की है, ऐसा अमरिका के सातवें आरमार के प्रवक्ता ‘लेफ्टनंट जो केली’ इन्होंने स्पष्ट किया| साथ ही इंडो पसिफिक क्षेत्र की स्ततंत्रता के लिए अमरिका प्रतिबद्ध है और यह समुद्री गश्त इसी आजादी को रेखांकित करने के लिए थी, यह जानकारी लेफ्टनंट केली इन्होंने जापानी वृत्तपत्र के साथ की बातचीत के दौरान दी|

अमरिकी युद्धपोतों की इस गश्त पर चीन से प्रतिक्रिया आने की उम्मीद थी| उसके नुसार चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ‘लू कैंग’ इन्होंने तैवान की खाडी में अमरिका ने की गश्त उकसाने वाली होने की बात कही है| साथ ही तैवान यह चीन का भूभाग है और इस सागरी क्षेत्र में अमरिकी पोतों की गश्त यहां की शांति और स्थिरता को चुनौती दे रही है, यह आलोचना कैंग इन्होंने की| ‘वन चाइना पॉलिसी’ के नुसार तैवान चीन का हिस्सा है और अमरिका और अन्य कोई भी देश तैवान के साथ स्वतंत्र सहयोग स्थापित ना करे, यह दावा चीन कर रहा है| साथ ही अपनी इच्छा के बगैर तैवान के साथ राजनयिक या लष्करी सहयोग स्थापित किए तो उसके गंभीर परीणामों का सामना करने की धमकी भी चीन दे रहा है|

लेकिन, चीन की इन धमकियों को जरासी भी किमत ना देकर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने तैवान के साथ राजनयिक और लष्करी सहयोग बढाना जारी रखा है| साथ ही हर महीने में अमरिकी युद्धपोत तैवान के समुद्री क्षेत्र में गश्त कर रहे है| पिछले महीने में भी अमरिकी युद्धपोत और पनडुब्बीयों ने तैवान के समुद्री क्षेत्र से सफर किया था|

इस दौरान, अमरिकी युद्धपोतों की तैवान के खाडी में गश्त करना अवसर भरा होने की बात कही जा रही है| पिछले हफ्तें में ही तैवान की राष्ट्राध्यक्षा ‘त्साई ईंग वेन’ इन्होंने चीन से बना खतरा बढ रहा है, यह इशारा दिया था| तैवान का निवाला करने के लिए चीन की शुरू लष्करी गतिविधियों के विरोध में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकता हुई नही तो चीन इसी लष्करी सामर्थ्य के बलबुते पर एशिया के अन्य देशों का कब्जा करने की कोशिश करेगा, यह इशारा ईंग वेन इन्होंने दिया था| साथ ही अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प उत्तर कोरिया के तानाशाह ‘किम जॉंग उन’ इनके साथ बातचीत करने के लिए व्हिएतनाम की यात्रा पर आने से पहले अमरिकी युद्धपोतों ने तैवान की खाडी की गश्त की है, इस ओर पश्‍चिमी विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे है|

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