अमरीका और यूरोप की महंगाई का यूक्रेन युद्ध से संबंध नहीं है – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन

मास्को – यूक्रेन युद्ध के बाद अमरीका और यूरोपिय देशों में महंगाई का विस्फोट होता दिख रहा है। इन देशों में महंगाई चरम स्तर पर जा पहुँची है और जनता काफी परेशान है। यूक्रेन पर हमला करनेवाले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन इस स्थिति के लिए ज़िम्मेदार होने का आरोप अमरीका और यूरोपिय देशों के नेता लगा रहे हैं। इस पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने जवाब दिया। यूक्रेन का युद्ध नहीं, बल्कि अमरीका ने अब तक अपनायी हुई गलत आर्थिक नीति इस देश की महंगाई के लिए ज़िम्मेदार है। इसके अलावा यूरोपिय महासंघ ने ईंधन को लेकर भविष्य का विचार किए बिना अनुचित नीति इन देशों की महंगाई के लिए ज़िम्मेदार है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने कहा।

कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद आर्थिक संकट का मुकाबला करते समय विश्व के सभी देशों को अर्थव्यवस्था में निधि की आपूर्ति बढ़ानी पड़ी थी। इसके लिए अधिक राशि उपलब्ध कराना ज़रूरी था और हर देश ने इसके लिए नोटों की अधिक छपायी की। रशिया को भी ऐसा करना पड़ा, लेकिन, रशिया ने काफी ध्यान देकर इस पर अपनी नीति बनायी थी। अमरीका ने यह सावधानी ना बरतने की वजह से पिछले दो सालों से कम समय में अपनी अर्थव्यवस्था में पैसो की सप्लाई ३८ प्रतिशत यानी ५.९ ट्रिलियन डॉलर्स से बढ़ायी, इस बात पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने ध्यान आकर्षित किया।

इतनी बड़ी मात्रा में पैसों की छपाई करने का निर्णय आज अमरीका में महंगाई बढा रहा है। इसका यूक्रेन युद्ध से वास्ता नहीं है, ऐसी फटकार रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने लगायी। हमारे अमरिकी मित्रों ने बड़ी गलतियाँ की हैं और इसका ठिकरा फोड़ने के लिए वह रशिया का इस्तेमाल कर रहे हैं, ऐसी आलोचना राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने की। तभी, ईंधन के मुद्दे पर नाटो का केंद्रीय दफ्तर ब्रुसेल्स की नीति अपनाने की गलती यूरोपिय देशों ने की। भविष्य का विचार किए बिना बनाई गई ईंधन की नीति यूरोपिय देशों में महंगायी बढानेवाली साबित हुई। इसका भी संबंध यूक्रेन युद्ध से नहीं जोड़ा जा सकता, ऐसा रशियन रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने कहा।

फिलहाल विश्व के सामने खड़ी हुई आर्थिक एवं ईंधन संबंधी समस्याओं के लिए रशिया ज़िम्मेदार नहीं है। बल्कि, हर बात अन्य मुद्दे से जुड़ी होती है, इसे ध्यान में ना रखना ही अमरीका और यूरोपिय देशों की बुनियादी समस्या होने का दावा व्लादिमीर पुतिन ने किया। रशिया ने पश्चिमी देशों को इसका अहसास पहले ही कराया था। इस वजह से आज यूरोप के कुछ नेताओं को मौजूदा स्थिति यानी यकायक टूटा हुआ संकट लगता होगा, फिर भी रशिया ने इसका अहसास कराने की कोशिश काफी पहले ही की थी। इसी वजह से अमरीका और यूरोपिय देशों पर टूटे संकट का रशिया ने डोन्बास पर की हुई कार्रवाई से किसी भी तरह से संबंध नहीं जोड़ा जा सकता, ऐसा कहकर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने उनके खिलाफ लगाए जा रहे आरोप ठुकराए।

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