‘आयएस’ कर सकता है परमाणुहमला अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने दी चेतावनी

epa05240016 US President Barack Obama looks on as he holds a news conference closing the 2016 Nuclear Security Summit at the Washington Convention Center in Washington, DC, USA, 01 April 2016. More than 50 nations were represented at the Nuclear Security Summit in Washington DC, which focused on the quest to keep terrorist groups like the Islamic State (IS or ISIS) from obtaining nuclear materials and weapons and on locking down on nuclear armament worldwide. EPA/ANDREW HARRER/POOL

‘आयएस’ इस आतंकवादी संगठन ने इससे पहले रासायनिक शस्त्रों का इस्तेमाल किया है। इन आतंकवादियों के हाथ अगर परमाणुबम या फिर परमाणुबम बनाने की सामग्री लग गयी, तो वे परमाणुहमले भी कर सकते हैं, ऐसी चेतावनी अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने दी है। अमरीका में चल रहे ‘न्युक्लिअर सिक्युरिटी समिट’ के दौरान यह चेतावनी देकर, दुनिया भर के परमाणुअस्त्र तथा उनके निर्माण में इस्तेमाल की जानेवाली सामग्री पूर्ण रूप में सुरक्षित न होने का एहसास भी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने करा दिया। उसी समय, ब्रिटन के प्रधानमंत्री डेव्हिड कॅमेरॉन ने, ‘आयएस’ के आतंकी ड्रोन्स की सहायता से ‘डर्टी बम’ का हमला कर सकते है, ऐसा डर व्यक्त किया है।

अमरीका में परमाणुअस्त्र सुरक्षा के मुद्दे पर दो दिन की परिषद आयोजित की होकर, उसके लिए दुनियाभर के ५० से भी अधिक देशों के प्रमुख उपस्थित हैं। इस परिषद में, दुनियाभर में परमाणुअस्त्रों की बढ़ती संख्या, उनकी सुरक्षा, आतंकवादी संगठनों से परमाणुअस्त्रों को रहनेवाला ख़तरा और उनके द्वारा किया जानेवाला परमाणुअस्त्रों का संभाव्य इस्तेमाल ऐसे विभिन्न मुद्दों पर प्रधानता से चर्चाएँ की गयीं। उस समय अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ओबामा ने परमाणु हमलों का ख़तरा अब भी क़ायम है, यह स्पष्ट किया।

nuke-505323‘परमाणुहमले का ख़तरा कम करने के लिए हालाँकि लगातार प्रयास किये जा रहे हैं, मग़र फिर भी यह ख़तरा अभी तक ख़त्म नहीं हुआ है। परमाणुहमले का ख़तरा लगातार बढ़ता ही जा रहा होकर, दुनिया को आत्मसंतुष्ट रहकर नहीं चलेगा। यह सच है कि अब तक किसी भी आतंकवादी गुट को परमाणुअस्त्रों पर कब्ज़ा करना संभव नहीं हुआ है, लेकिन ऐसा होने का ख़तरा नहीं टला है’, इन शब्दों में ओबामा ने, आतंकवादी संगठन परमाणुअस्त्रों तथा उन्हें बनाने की सामग्री को हासिल करने की जानतोड़ कोशिशें कर रहे हैं, इसकी ओर ध्यान आकर्षित किया।

‘इससे पहले ‘अल-क़ायदा’ और अब ‘आयएस’ जैसे आतंकवादी संगठनों ने इराक़ तथा सिरिया में रासायनिक शस्त्रों का इस्तेमाल किया है। ऐसे इन आतंकियों के हाथ यदि परमाणुबम या फिर उन्हें बनाने की सामग्री लग गयी, तो वे दुनिया के हज़ारों निष्पाप नागरिकों की जानें ले सकते हैं। इस प्रकार का हमला हमारी दुनिया को पूरी तरह बदल देनेवाला साबित होगा’, इन शब्दों में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने, ‘आयएस’ परमाणुहमला कर सकता है, ऐसी गंभीर चेतावनी दी।

सन २०१४ में  ‘आयएस’ ने इराक़ के एक विद्यापीठ से ९० पौंड युरेनियम हथिया हुआ होने की जानकारी सामने आयी थी। उसके बाद कई गुप्तचर संगठन और गुटों ने, ‘आयएस’ के पास परमाणुबम बनाने की क्षमता होने के दावे किये हैं। पिछले महीने, ब्रुसेल्स में किये हुए आतंकवादी हमलों के दौरान, युरोप के परमाणुप्रकल्पों पर हमलें करने की ‘आयएस’ की योजना भी सामने आयी थी। इस कारण ‘आयएस’ से रहनेवाला परमाणुहमले का ख़तरा बढ़ चुका है, ऐसा माना जा रहा है।

इसी दौरान, ब्रिटन के प्रधानमंत्री डेव्हिड कॅमेरॉन ने, ‘आयएस’ ड्रोन्स की सहायता से ब्रिटन एवं  युरोप में ‘डर्टी बमों’ का हमला कर सकता है, ऐसी चेतावनी दी। उसी समय उन्होंने, परमाणुबम बनाने की सामग्री आतंकवादियों के हाथ लगने के असार बढ़ चुके होकर, यह रोंगटें खड़े कर देनेवाली बात होगी, ऐसा डर ज़ाहिर किया। ब्रुसेल्स के आतंकवादी हमलों के बाद इस प्रकार के हमले की संभावना और भी बढ़ गयी है, ऐसा उन्होंने कहा।

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