चीन की सीमा के करीब सड़क निर्माण के लिए ‘आयटीबीपी’ के इंजिनिअरिंग विंग तैनात – केंद्रीय गृह मंत्रालय का निर्णय

नई दिल्ली – चीन की ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी – पीएलए’ भारत-तिब्बत की सीमा के करीब बड़ी मात्रा में सड़क एवं बुनियादी सुविधाओं का निर्माण कर रही है। इसके जवाब में भारत ने भी बीते कुछ वर्षों से चीन की सीमा के करीब सड़क निर्माण शुरू किया है। इसकी गति बढ़ाने के लिए ‘इंडो-तिब्बती बॉर्डर पुलिस – आयटीबीपी’ की इंजिनिअरिंग विंग तैनात करने का निर्णय किया गया है। लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के ‘एलएसी’ के पासवाले क्षेत्र के निर्माण कार्य से संबंधित प्रकल्पों का समावेश है।

‘आयटीबीपी’भारत ने अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख समेत अन्य सरहदी क्षेत्र में शुरू किए बुनियादी सुविधाओं के निर्माण कार्य को चीन हमेशा से विरोध करता रहा है। लेकिन, चीन के विरोध को नजरअंदाज करके भारत ने ‘एलएसी’ के करीब सड़क निर्माण के अलावा बुनियादी सुविधाओं के निर्माण को गति प्रदान की है।

सीमा से करीब हो रहे सड़क निर्माण के प्रकल्पों का ज़िम्मा प्रमुखता से ‘बॉर्डर रोड ऑर्गनाइज़ेशन – बीआरओ’ का है। साथ ही ‘सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट – सीपीडब्ल्यूडी’ और अन्य सरकारी विभाग एकसाथ मिलकर यह काम करते हैं। बीते कुछ वर्षों में यह काम गतिमान होने का दावा किया जा रहा है। सीमा पर चीन की बढ़ती गतिविधियों पर गौर करके सरकार सरहदी क्षेत्र में सड़क निर्माण कर रही है। इस वजह से सीमा पर सैनिकों की तेज़ी से तैनाती करने एवं युद्ध का सामान पहुँचाने में आसानी होगी।

इसके अलावा, सरकार ‘इंडिया-चायना बॉर्डर रोड’ (आयसीबीआर) प्रकल्प के दूसरे चरण का काम गतिमान किया जा रहा है। इस चरण में कई सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। बीते वर्ष के नवंबर के आँकड़ों के अनुसार सीमा पर ५३८.५० किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है। इन दिनों सड़कों का नेटवर्क अधिकाधिक विस्तारने की कोशिश जारी है।

ऐसी स्थिति में रविवार के दिन गृह मंत्रालय ने ‘एलएसी’ के करीब हो रहा सड़क निर्माण गतिमान करने के लिए ‘आयटीबीपी’ को भी शामिल किया है। ‘आयटीबीपी’ का इंजिनिअरिंग विंग सड़क निर्माण एवं संबंधित प्रकल्पों में शामिल होगा। इसके लिए जल्द ही ‘इंजिनिअरिंग विंग’ की तैनाती की जाएगी।

इसके तहत सीमा पर ३२ सड़कों का निर्माण कार्य करना संभव होगा और इनमें से तीन सड़कों का काम ‘इंडो-तिब्बती बॉर्डर पुलिस’ (आयटीबीपी) करेगी। साथ ही सीमा पर १८ फीट के ट्रैक का भी निर्माण करने की योजना है। इनमें से २ फीट के ट्रैक का निर्माण ‘आयटीबीपी’ द्वारा किया जाएगा। दो पोस्टस्‌ को जोड़ने के लिए यह निर्माण कार्य किया जा रहा है।

लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड़, सिक्कीम और हिमाचल प्रदेश में कुल मिलाकर ३,४८८ किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा की सुरक्षा का ज़िम्मा ‘आयटीबीपी’ पर सौंपा गया है। चीन से जुड़ी सीमा पर ‘आयटीबीपी’ की १८० सीमा चौकियाँ मौजूद हैं। इन चौकियों को जोड़नेवाले १ से २ किलोमीटर की सड़क का निर्माण कार्य ‘आयटीबीपी’ करेगी।

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