भारत में ३.२ लाख करोड़ रुपये निवेश करने का जापान ने किया ऐलान

नई दिल्ली – ‘भू-राजनीतिक स्थिति में काफी बड़े बदलाव हो रहे हैं और इसी दौरान भारत और जापान के संबंधों की गहराई अधिक बना ना की सीर्फ इन दो देशों के लिए आवश्यक बना हैं, बल्कि यह पुरे विश्‍व के लिए ज़रूरी हुआ हैं’, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-जापान सहयोग की अहमियत रेखांकित की| जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा भारत दौरे पर पहुँचे हैं और उनके साथ हुई चर्चा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने यह दावा किया कि, दोनों देशों के सहयोग मे बड़ी प्रगति हुई है| प्रधानमंत्री किशिदा की इस यात्रा के पृष्ठभूमि पर जापान ने अगले पांच वर्षों में भारत में ३.२ लाख करोड़ रुपयों का निवेश करने का ऐलान किया|

यूक्रैन युद्ध की पृष्ठभूमि पर विश्‍व में काफी बड़ी उथल पुथल हो रही हैं| खास तौर पर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर भी इस युद्ध का प्रभाव पड़ता दिख रहा हैं| अमरीका-नाटो का ध्यान यूक्रैन युद्ध पर लगा हैं और तभी इसका लाभ उठाकर चीन जल्द ही ताइवान पर हमला करेगा, यह चिंता विश्‍वभर के विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं| साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में जारी चीन की गतिविधियां इस वजह से खतरनाक स्तर से भी आगे जा सकती हैं, ऐसा बयान सामरिक विश्‍लेषक करने लगे हैं| इसपर नज़र रखनेवाले जापान ने भारत के साथ अपने सभी स्तरों के सहयोग को खास अहमियत दी हुई दिख रही हैं|

भारत और जापान की सालाना बैठक के लिए प्रधानमंत्री किशिदा भारत पहुँचे हैं| जापान के प्रधानमंत्री होने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा हैं, फिर भी बतौर जापान के विदेशमंत्री वह पहले भी कई बार भारत आए हैं| भारत-जापान सहयोग के लिए उन्होंने काफी बड़ा योगदान दिया हैं, इसकी याद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त पत्रकार परिषद में ताज़ा की| भारत और जापान के संबंध जनतंत्र, कानून का पालन और मज़बूत सांस्कृतिक सहयोग पर आधारित हैं| जापान की कंपनियॉं भारत में काफी पहले से कारोबार कर रही हैं| आनेवाले दिनों में भी जापान की कंपनियों को भारत में कारोबार करना अधिक आसान हो, इस दिशा में कोशिश की जाएगी, यह ऐलान प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान किया|

प्रधानमंत्री किशिदा के इस दौरे में जापान भारत में ३.२ लाख करोड़ रुपयों का निवेश करने का ऐलान हुआ| साथ ही दोनों देशों के बीच ६ समझौते किए गए| इनमें सायबर सुरक्षा, क्षमता बढ़ाने की कोशिश, जानकारी का आदान-प्रदान आदि क्षेत्र के सहयोग का समावेश हैं|

आर्थिक प्रगति और स्थिरता के लिए ईंधन की बिना रुके आपूर्ति एवं ईंधन की कीमतें नियंत्रण में रहना आवश्यक हैं, इसका अहसास भारत और जापान रखते हैं| साथ ही ऊर्जा के स्वच्छ विकल्पों के लिए एक-दूसरें से सहयोग करने का निर्धार भी भारत और जापान ने व्यक्त किया हैं, इस ओर प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त निवेदन में ध्यान आकर्षिथ किया| साथ ही भारत ने आर्थिक सुधार करना शुरू किया हैं और ‘मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड’ जैसें भारत के उपक्रम काफी बड़े अवसर उपलब्ध करानेवाले हैं, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा|

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